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बजट में मोदी की गारंटी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूरदर्शी नीतियों,समर्पण और टीम भावना के साथ देश अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी है।

भारत आत्मनिर्भर, स्वावलंबी, और विकसित बनने की दिशा में अग्रसर है। मोदी सरकार का प्रत्येक निर्णय लोक कल्याण और राष्ट्रीय हित के अनुरूप है। लोकसभा में प्रस्तुत बजट विकसित भारत की नींव को मजबूत सम्बन्धी मोदी की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समावेशी और अभिनव बजट है। इसमें निरंतरता का आत्मविश्वास है। ये बजट विकसित भारत के चार स्तंभ- युवा, गरीब, महिला और किसान सभी को सशक्त करेगा।

रिसर्च और इनोवेशन के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड बनाने स्टार्टअप्स के लिए टैक्स छूट का प्रस्ताव है.

राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए कैपिटल एक्सपेंडिचर को ग्यारह लाख करोड़ रुपये की ऊंचाई दी गई है। वन्दे भारत मानक की चालीस हजार आधुनिक बोगियों का निर्माण होगा. गरीबों के लिए चार करोड़ से अधिक घरों के निर्माण हुए. दो करोड़ और नए घर बनाने का लक्ष्य है. दो करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था। अब इस लक्ष्य को बढ़ाकर तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का कर दिया गया है। रूफ टॉप सोलर अभियान से एक करोड़ परिवार मुफ्त बिजली मिलेगी सरकार को अतिरिक्त बिजली बेचकर प्रति वर्ष पंद्रह से बीस हजार रुपये की आय भी अर्जित करेंगे.

आयकर छूट योजना से मध्यम वर्ग के लगभग एक करोड़ नागरिकों को राहत मिलेगी। बजट में किसान कल्याण के भी अनेक प्रस्ताव हैं. नैनो डीएपी के उपयोग, पशुओं के लिए नई योजना,पीएम मत्स्य सम्पदा योजना के विस्तार और आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान से किसानों की आय बढ़ेगी.
नरेंद्र मोदी सरकार ने दशकों से लंबित फैसलों को लागू किया। लंबित परियोजनाओं को पूरा किया गया। वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमन ठीक कहा कि सरकार ने सबका साथ-सबका विकास की धारणा को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार विरासत में भारी चुनौतियों मिली थीं. सरकार ने उन चुनौतियों पर सही तरीके से काबू पाया है.कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी। मगर भारत की अर्थव्यवस्था अब भी विकास की राह पर है। बीस लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के सहारे भारत की विकास यात्रा को नई गति मिली है। देश आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ा है।इस दशक के अंत तक भारत, जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा। राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए कहा था कि सरकारी योजनाओं के एक रुपये में से केवल पन्द्रह पैसा ही गरीबों तक पहुंचता है। लेकिन वे बस कहकर ही रह गए, समाधान की दिशा में कुछ नहीं किया। समाधान मोदी ने किया है। आज सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ सीधे लोगों के खातों में पहुंच रहा है।भारत का डिजिटली लेनदेन ऐतिहासिक है। उसने दुनिया को नई दिशा दिखाई है। रिकॉर्ड सैटेलाइट्स का प्रक्षेपण अंतरिक्ष में बढ़ती शक्ति का शानदार उदाहरण है। शांति और सौहार्द का संदेश दुनिया को मुरीद बना रहा है। भारत ने दुनिया की सबसे ज्यादा सुधारात्मक कर प्रणाली जीएसटी लागू की है। उसका अभूतपूर्व फायदा आज देश देख रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया विजन में विकास और लोक कल्याण का समावेश है। भारत को विकसित बनाने का संकल्प है। संकल्प को सिद्ध करने की इच्छाशक्ति है। उनकी दस की यह यात्रा यही प्रमाणित करती है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित बनने की दिशा में अग्रसर है। इसकी कार्ययोजना पर कार्य प्रगति पर है। दस साल में तीस करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं को सत्तर प्रतिशत आवास महिलाओं को मिले हैं।
सरकार ने उभरती प्रौद्योगिकी में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कोष बनाने का प्रस्ताव रखा है. महिला उद्यमियों को तीस करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिये गये हैं। दस वर्षों में उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में अट्ठाइस प्रतिशत की वृद्धि हुई है. तकनीकी पाठ्यक्रमों में लड़कियों और महिलाओं का नामांकन तैतालिस प्रतिशत है.जो दुनिया में सबसे अधिक है.

दस वर्षों में रेलवे का भी अभूतपूर्व विकास हुआ है. यह नये भारत का रेलवे भी नया है, क्योंकि रेलवे में विकास की दृष्टि से भी दस साल बेमिसाल हैं। भारत विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा है। इसमें रेलवे का विकास का शामिल है। भारतीय रेलवे के इतिहास में नया अध्याय जुड़ा। अमृत भारत रेलवे स्टेशन अभियान के अंतर्गत तेरह सौ स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं. सभी अमृत स्टेशन ग्रीन बिल्डिंग्स के मानकों को पूरा करेंगे। अगले कुछ वर्षों में भारत की रेलवे नेट जीरो एमिशन पर चलेगी। दस वर्षों के दौरान रेलवे में रिकॉर्ड धनराशि का निवेश किया गया। रेलवे का समग्र विकास किया जा रहा है। लोकोमोटिव्स उत्पादन में भी नौ गुना की वृद्धि हुई है। आज देश में पहले की अपेक्षा तेरह गुना ज्यादा कोच बन रहे हैं। सोलर पैनल से बिजली बनाने वाले रेलवे स्टेशनों की संख्या भी बारह सौ से ज्यादा हो गई है। सभी स्टेशन ग्रीन एनर्जी होंगे. ट्रेनों के करीब सत्तर हजार कोच में एलईडी लाइट्स से अधिक लगाई जा चुकी हैं। ट्रेनों में बायो टॉइलेट की संख्या करीब तीस गुना ज्यादा हो गई है।
इस सबसे विकास में पिछली सरकारों की विफलता का अनुमान लगाया जा सकता है. साउथ अफ्रीका, यूक्रेन,पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा रेल ट्रैक हमारे देश में इन दस वर्षों में बिछाया गया है। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे देशों का जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा ट्रैक भारत ने अकेले पिछले एक साल में बनाया है। भारत में आधुनिक ट्रेनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्लेटफॉर्मों पर बैठने के लिए बेहतर सीटें लग रही हैं। अच्छे वेटिंग रूम बनाए जा रहे हैं। हजारों रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा है। सरकार ने स्टेशनों को शहर और राज्यों की पहचान से जोड़ने के लिए वन स्टेशन,वन प्रॉडक्ट योजना भी शुरू की है। इससे पूरे इलाके के लोगों, कामगारों और कारीगरों को लाभ होगा। जिले की ब्रांडिंग भी अमृत रेलवे स्टेशन विरासत के प्रति गर्व की अनुभूति कराने वाले होंगे। इन स्टेशनों में देश की संस्कृति और स्थानीय विरासत की झलक दिखेगी। देश के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों और तीर्थ स्थानों को जोड़ने के लिए इन दिनों देश में भारत गौरव यात्रा ट्रेन और भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन भी चल रही है। रेलवे का कायाकल्प हो रहा है।

(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)