भारत में जल्द ही बहुत अधिक मात्रा में माल ढुलाई के लिए हैवी हॉल मालगाड़ियों का संचालन किया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का जो संकल्प लिया है उसमें आधारभूत ढांचा ( इंफ्रास्ट्रक्चर) का विकास एक महत्वपूर्ण और आवश्यक घटक है. आधारभूत संरचना के विकास को लेकर देशभर में सड़कों का नेटवर्क, बंदरगाहों का विकास और रेल और हवाई नेटवर्क का विकास किया जा रहा है. तमाम राज्यों में जिन स्थानों तक पहुंचने में 24 घंटे का समय लगता था, वहां अब ठीक आधे यानी 12 घंटे में पहुंचना मुमकिन हो गया है.
ये एक्सप्रेसवे की शानदार और मल्टी लेन वाले सड़कों की वजह से हो सका है. इसी तरह वंदे भारत रेलगाड़ियों की वजह से अब दिल्ली से तमाम महत्वपूर्ण शहरों तक जाकर उसी दिन लौटने जैसी सुविधा भी मिल गई है. जिन जगहों में यात्रा के लिए लोगों को पूरी रात ट्रेन में गुजराना होता था वहां वे पांच से छह घंटे में पहुंच रहे हैं. इन सबसे महत्वपूर्ण काम डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर के निर्माण से हुआ है.
दरअसल, विकास को गति देने वाली यही जरूरी चीजें है. गति और समय की इस बचत लाभ यात्रियों को तो मिलता ही है इसका सबसे ज्यादा असर माल ढुलाई पर पड़ता है. माल अगर एक स्थान से दूसरे स्थान तक तेजी से हो पाता है तो अर्थव्यवस्था को उसका बहुत व्यापक लाभ मिलता है, इसलिए देश में जल्द ही हैवी हॉल मालगाड़ियों का संचालन किया जाएगा.
अमेरिका और चीन में इस तरह की मालगाड़ी पहले से चल रही हैं और अब अपने देश में डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर (डीएफसी) में इसी तरह की मालगाड़ी चलाई जाएंगी, जिसे हैवी हॉल गुड्स ट्रेन कहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में इस हैवी हाल गुड्स ट्रेन के तैयार कॉरिडोर का इसी सप्ताह उद्घाटन किया है. 1337 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर पंजाब के लुधियाना से शुरू होकर पश्चिमी बंगाल के सोननगर तक जाता है. इसी के तहत 1506 किमी. लंबा वेस्टर्न कोरिडोर हरियाणा रेवाड़ी से महाराष्ट्र (अटेली से जवाहर लाल नेहरू पोर्ट, जेएनपीटी) तक निर्माण चल रहा है. इस तरह से दोनों कॉरिडोर की लंबाई 2843 किमी है.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कॉरिडोर का डिजाइन इस तरह किया गया है कि इसमें हैवी हॉल मालगाड़ियों का संचालन हो सके. इसकी क्षमता एक दिन में 120 हैवी हॉल मालगाड़ियां एक दिशा चलाने की है. एक हैवी हॉल मालगाड़ी में करीब 105 वैगन होते हैं और करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी इस गाड़ी में लगभग 13000 टन सामान जा सकेगा. इस प्रकार से एक मालगाड़ी करीब 1300 ट्रकों का सामान तेज गति से पहुंच सकेगा. इस तरह की मालगाड़ियों का संचालन अमेरिका और चीन में पहले से हो रहा है. अमेरिका के कोरोराडो में हैवी हॉल मालगाड़ियां से चल रही हैं और चीन के हुआंगहुआ और शुओझोउ में कोयला ढोने के लिए हैवी हॉल मालगाड़ियां का संचालन हो रहा है. वहीं आस्ट्रेलिया ने हैवी हॉल बैटरी वाले लोकोमोटिव का पिलबारा क्षेत्र में सफल परीक्षण किया है. जापान में सामान को जल्दी पहुंचाने के लिए हैवी हॉल मालगाड़ी के बजाए बुलेट ट्रेन इस्तेमाल होता है.
यात्री सुविधा का भी हो रहा है विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे का स्वदेशी और मजबूत नेटवर्क बनाने के साथ ही यात्री सुविधाओं को विश्व स्तरीय बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं. भारतीय रेलवे की स्थापना की लगभग पौने 200 साल हो गए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि भारतीय रेलवे में सुविधा विश्व स्तरीय और कई मायनों में यह विश्व में सर्वोच्च हो जाए.
इसके लिए भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. इसके तहत पूरे देश में स्वदेशी विकसित वंदे भारत ट्रेन चलाए जा रहे हैं जिसमें विश्व स्तरीय यात्री सुविधा का ख्याल रखा गया है. इस ट्रेन को बनाते समय यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया गया है. किसके साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के रेलवे स्टेशनों को अत्यधिक तौर पर विकसित किया जा रहा है और इसी के तहत अमृत भारत स्टेशन की संकल्पना बनाई गई है. इस संकल्पना के तहत देश के विभिन्न स्टेशनों को विश्व स्तरीय मानकों पर बनाया जा रहा है. इसके साथ ही साथ भारत में पहले रैपिड रेल नेटवर्क जिसमें नमो भारत ट्रेन चलाया जा रहा है यात्री सुविधा के लिए यह एक क्रांतिकारी पहल है. नमो भारत ट्रेन में यात्री सुविधा के साथ-साथ यात्रियों के समय की भी बचत और हाई स्पीड रैपिड रेल नेटवर्क बनाने की संकल्पना की गई है जिसके एक हिस्से को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मूर्त रूप देते हुए राष्ट्र को समर्पित किया.