Home » Salient Points of PM Modi’s address at a function to commemorate Constitution Day, at Parliament House Annexe 25 Nov, 2016
- 26 नवंबर संविधान दिवस के रूप में मनाना 2015 से प्रारंभ किया| कल्पना ये है कि हमारी नई पीढ़ी इस सविंधान के साथ उसकी प्रक्रिया के साथ उसके उद्देश्यों के साथ कनेक्ट रहनी चाहिए |
- हमारे स्कूल कॉलेजो के सभी बालकों को संविधान का preamble कम से कम साल में एक बार सामूहिक रूप से उसका पठन हो, उद्घोष हो, व्याख्या हो इससे लाभ ये होगा कि संविधान के महात्मय का सामान्य जीवन में एक स्थान बनेगा |
- बहुत कम देशों के जीवन में ऐसी घटना शायद घटती है कि जिसमें संविधान का उल्लेख बार-बार आता है लेकिन भारत एक देश ऐसा है कि जहां जब-जब हम संविधान का स्मरण करते हैं हमें डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर का पुण्य स्मरण साथ-साथ याद आता है यानि बाबा साहेब और संविधान|
- संविधान, समय ऐसा बदला है कि संविधान में तो हर कोई अपने अधिकार ढूंढता रहता है अपने अधिकारों को और अधिक हवा भरने का भी प्रयास करता है |
- ये हम सबका दायित्व होता है नागरिक हो , शासन व्यवस्था हो सरकार हो, शासन व्यवस्था के भिन्न-भिन्न अंग हों। हर एक के बीच तालमेल बिठाने का सबसे बड़ा अगर source है तो हमारा संविधान है|
- 26 जनवरी की ताकत 26 नवंबर में है और इसलिए इस 26 नवंबर संविधान दिवस के रूप में नई पीढ़ी के लिए विशेष रूप से उसका पुण्य स्मरण करते हुए उसकी बारिकियों को जानने का प्रयास अलग-अलग जगह पर अलग-अलग काम हो करते रहना चाहिए|
- इन दिनों भ्रष्टाचार, काला धन उसके खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई है देश लड़ रहा है देश का सामान्य नागरिक इस लड़ाई का सिपाही बना है |
- इस सरकार के इस निर्णय के संबंध में बहुत कम आलोचना हो रही है लेकिन कुछ लोगों की आलोचना क्या है, आलेचना ये है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की।
- मैं समझता हूं कि मुद्दा ये नहीं है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की। ऐसे लोगों की पीड़ा इस बात की है कि सरकार ने किसी को तैयारी करने का समय नहीं दिया।
- दुख इस बात का है अगर उनको एक 72 घंटे भी तैयारी के मिल जाते तो तो वाह-वाह मोदी जैसा कोई नहीं, कितना बड़ा अहम कदम उठाया है और इसलिए फिर भी इतना बड़ा देश है निर्णय बहुत बड़ा है देश का उज्जवल भविष्य देखनें वालो से इतनी अपेक्षा है कि आइए हम सब मिलकर के सामान्य मानवीय की कठिनाइयों को दूर करें|
- आइए हम सब मिलकर के बाबा साहेब अम्बेडकर ने जो महान कार्य किया है उसके शब्दों को और भावों को पीढ़ी दर पीढ़ी समयानुकूल संदर्भ में हम उसको जीके सीखें, जीना सीखें, जीकर के दिखाएं और देश को हर पल नई ताकत, नई ऊर्जा देते रहे|
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