मेरा यह सौभाग्य है कि जो योजना मेरे हृदय के बेहद क़रीब है उस योजना के कर्मयोगियों से, उद्ययमशील युवाओं से, परंपरा के बाहर निकली बहनो से बातचीत करने का आज मुझे अवसर मिला है।
आज मेरे साथ-साथ पूरा देश आप सब के इस साहस का, इस निर्णय का, इस initiative का, आपकी इस यात्रा के संस्मरण सुनने के लिए इस विडीओ कॉन्फ़्रेन्स के माध्यम से आप सब के साथ जुड़ा हुआ है।
देश की अर्थव्यवस्था की मज़बूती में आप जैसे उद्यमियों का महत्वपूर्ण योगदान है लेकिन पहले उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, उनके बारे में कभी नहीं सोचा गया ।
आपको मालूम है आज से 25-30 साल पहले political benefitके लिए लोन मेले चलते थे और जो राजनितिक उसूल रखने वाले लोग थे उनके चेले-चपाटे, ठेकेदार, वोट बैंक की राजनीति, ये बैंको से रुपये ले जाते थे । खबरें भी बहुत छपती थी कितना बैंक लोन दिया गया ।
इस देश में एक ऐसा समय था जब खुद वित्त मंत्री फोन कर के बड़े उद्योगपतियों को लोन दिलवाते थे और दूसरी तरफ एक छोटा उद्यमी साहूकारों को 30-40 प्रतिशत ब्याज देने के चक्कर में कुछ ऐसे फंस जाता था कि वह पूरी जिंदगीबाहर नहीं निकल पाता था।
इस vicious cycle को कभी तो टूटना था, किसी को तो इसे तोड़ना ही था, हमने इस दिशा में प्रयास किया और हम इसमें सफल रहे हैं। इस vicious cycle को हम तोड़ रहे हैं…
जो कारवां बैंकों के साथ शुरू हुआ था, उसमें धीरे-धीरे आज अनेकों संस्थान जुड़ते चले गए हैं। आज सिर्फ 110 बैंक ही नहीं, इनके अलावा 72 Micro financial Institutions (MFI) और 9 Non-Banking Financial Companies (NBFCs) भी मुद्रा लोन दे रहे हैं।
बैंकों ने भी मुद्रा लोन लेने की प्रक्रिया को और आसान बनाने का काम भी किया है। Documents जुटाना तनाव ना बने, इसलिए कागजी प्रक्रिया को भी सरल रखा गया।
Self Employed होना आज एक गर्व की बात है और इसके प्रेरणास्त्रोत आप सब लोग हैं।