आज दुनिया अनेक प्रकार के बदलावों से चौराहे पर है।
नई औद्योगिक technology और digital इंटरफ़ेस जिस नई दुनिया का निर्माण कर रहे हैं, वह एक अवसर भी है, और एक चुनौती भी।
नई प्रणालियों और उत्पादों से आर्थिक प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे।
विकास और प्रगति के केंद्र में हमेशा लोग और मानवीय मूल्य सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसलिए technology जगत में चौथी औद्योगिक क्रांति के उन परिणामों पर भी हमें गंभीर विचार करने कीज़रुरत है जो हम जैसे देशों की जनता और अर्थव्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव डालेंगे।
Industry 4.0 (four point zero) का एक स्वागत योग्य परिणाम होगा अधिक नजदीकी संपर्क। The World will be flatter. जो इसका लाभ उठा सकेंगे वे अधिक प्रगति कर सकेंगे। अनेक वंचित वर्ग technology और विकास की कई अवस्थाओं के पार बड़ी छलांग लगा पाएंगे।
परन्तु, बढ़ती असमानताएं और तेज परिवर्तनों का समाज पर और मानवीय मूल्यों पर क्या प्रभाव होगा, यह कहना मुश्किल है।
Fourth Industrial Revolution में पूंजी से ज्यादा महत्व प्रतिभा का होगा। High-skill परन्तु अस्थाई work रोजगार का नया चेहरा होगा।
Industrial production, design, और manufacturing में मौलिक बदलाव आएंगे। Digital platforms, automation, और data-flows से भौगोलिक दूरियों का महत्व कम हो जाएगा। Digital platforms, e-commerceऔर marketplaces जब ऐसी technologies से जुड़ेंगे, तो एक नए प्रकार के industry और business leaders सामने आएंगे।
वे जिस प्रकार से और जितनी तेज़ी से जितनी संपत्ति, संसाधनों और विचारों पर नियंत्रण कर सकते हैं, या नियंत्रण खो सकते हैं, वह मानव के इतिहास में पहले कभी संभव नहीं था। हम यह नहीं जानते कि इसका परिणाम क्या होगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि जो भी होगा गहरा और गंभीर होगा।
ऐसे में, मैं मानता हूँ कि BRICS framework में हमारी चर्चा हमें fourth Industrial revolution के लिए तैयार करने में मदद करेगी।
हमें इस बात पर चर्चा करनी चाहिए कि हम आने वाले समय के लिए अपने आप को किस तरह अच्छी तरह से तैयार कर सकते हैं।
एक अहम सवाल रोजगार के प्रकार और अवसरों का होगा। जहाँ तक हम देख सकते हैं, Traditional manufacturing हमारे युवाओं के लिए रोजगार का एक प्रमुख जरिया बनी रहेगी। दूसरी ओर, हमारे workers के लिए यह अत्यंत आवश्यक होगा कि वे अपनी skills में बदलाव ला सकें।
इसलिए, शिक्षा और कौशल विकास के लिए हमारी नज़रिए और नीतियों में तेज़ी से बदलाव लाना होगा।
School और University पाठ्यक्रम को इस तरह बनाना होगा जिससे ये हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर सकें। हमें बहुत सजग रहना होगा कि technology के क्षेत्र में आने वाले तेज बदलाव कम से कम उसी गति से पाठ्यक्रमों में स्थान पा सकें।