साथियो, जिस तरह किसी श्रद्धा स्थल पर आकर एक असीम शांति मिलती है, एक नई ऊर्जा मिलती है, वैसी ही अनुभूति मुझे यहां सरदार साहब के पास आ करके होती है।
लगता है जैसे उनकी प्रतिमा का भी अपना एक व्यक्तित्व है, सामर्थ्य है, संदेश है; उतनी ही विशाल, उतनी ही दूरदर्शी और उतनी ही पवित्र देश के अलग-अलग कोने से, किसानों से मिले लोहे से, अलग-अलग हिस्सों की मिट्टी से इस भव्य प्रतिमा का निर्माण हुआ है, उसका आधार बना है और इसलिए ये प्रतिमा हमारी विविधता में एकता का भी जीवंत प्रतीक है, जीता-जागता संदेश है।
साथियो, आज से ठीक एक साल पहले दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा को देश को समर्पित किया गया था। आज ये प्रतिमा सिर्फ भारत वासियों को ही नहीं, पूरे विश्व को आकर्षित कर रही है, प्रेरित कर ही है। आज इस प्रेरणा स्थली से सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए संपूर्ण राष्ट्र गौरव का अनुभव कर रहा है।
अब से कुछ देर पहले ही राष्ट्रीय एकता का संदेश दोहराने के लिए, एकता के मंत्र को जीने के लिए, एकता के भाव को चरितार्थ करने के लिए, एकता- ये हमारे संस्कार हैं, ये हमारी संस्कार सरिता है, एकता- ये हमारे भावी सपनों का सबसे बड़ा संबल है और उसी को ध्यान में रखते हुए Run For Unity – राष्ट्रीय एकता दौड़ हिन्दुस्तान के हर कोने में सम्पन्न हुई।
देश के अलग-अलग शहरों में, गांवों में, अलग-अलग क्षेत्रों में, देश के नागरिकों ने; अबाल-वृद्ध सबने, स्त्री-पुरुष हर किसी ने बढ़-चढ़ करके इसमें हिस्सा लिया है। यहां भी आज राष्ट्रीय एकता परेड का भी आयोजन किया गया है। इन भव्य आयोजनों में हिस्सा लेने के लिए मैं हर देशवासी का अभिनंदन करता हूं।
साथियो, पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथ, अलग-अलग विचारधाराएं, भिन्न-भिन्न भाषा, भांति-भांति के रंग-रूप; दुनिया में हरेक देश के बनने में लोग जुड़ते चले गए-कारवां बनता चला गया।
लेकिन हम ये कभी न भूलें- हम कभी-कभी देख पाते हैं कि एकरूपता उन देशों की विशेषता रही है, पहचान रही है और उसको ढालने का बहुत योजनाबद्ध तरीके से प्रयास भी किया है। अच्छा हो, बुरा हो, सही हो, गलत हो- इतिहास अपना मूल्यांकन करता रहता है लेकिन भरसक कोशिश करनी पड़ी है।
लेकिन भारत की पहचान अलग है। भारत की विशेषता है भारत की विविधता में एकता। हम विविधताओं से भरे हुए हैं। विविधता में एकता हमारा गर्व है, हमारा गौरव है, हमारी गरिमा है, हमारी पहचान है। हमारे यहां विविधता को diversity को celebrate किया जाता है। हमें विविधता में कभी भी, सदियों से विविधता में विरोधाभास कभी नहीं दिखता, लेकिन हमें विविधता के अंतर्निहित एकता का सामर्थ्य दिखता है।
विविधता का celebration, विविधता का उत्सव उसके अंदर छिपी हुई एकता का स्पर्श कराता है, उसे उभार करके बाहर लाता है, जीने की प्रेरणा देता है, जुड़ने का जज्बा देता है, मंजिल के साथ अपने-अपने मकसद जुड़ते चले जाते हैं और मंजिलें पार भी हो जाती हैं।