India International Science Festival का 5वां एडिशन ऐसे स्थान पर हो रहा है, जिसने ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में मानवता की सेवा करने वाली महान विभूतियों को पैदा किया है। ये Festival ऐसे समय में हो रहा है, जब 7 नवंबर को सीवी रमन और 30 नवंबर को जगदीश चंद्र बोस की जन्मजयंती मनाई जाएगी।
साइंस के इन Great Masters की Legacy को Celebrate करने और 21वीं सदी में उनसे प्रेरणा लेने के लिए इससे बेहतर संयोग नहीं हो सकता। और इसलिए, इस Festival की थीम, RISEN: Research, Innovation and Science Empowering the Nation” तय करने के लिए आयोजकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। ये थीम 21वीं सदी के भारत के मुताबिक है और इसी में हमारे भविष्य का सार है।
साथियों,
दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जिसने Science और Technology के बगैर प्रगति की हो। भारत का भी इसमें बहुत समृद्ध अतीत रहा है, हमने दुनिया को बहुत बड़े-बड़े वैज्ञानिक दिए हैं। हमारा अतीत गौरवशाली है। हमारा वर्तमान साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रभाव से भरा हुआ है। इन सबके बीच भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारियां अनेक गुना बढ़ जाती है। ये जिम्मेदारियां मानवीय भी हैं और इनमें साइंस और टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलने की अपेक्षा भी है। इस जिम्मेदारी को समझते हुए सरकार Invention और Innovation, दोनों के लिए Institutional Support दे रही हैं।
साथियों,
देश में साइंस और टेक्नोलॉजी का इकोसिस्टम बहुत मजबूत होना चाहिए। एक ऐसा इकोसिस्टम जो प्रभावी भी हो और पीढ़ी दर पीढ़ी प्रेरक भी हो। हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
हमारा प्रयास है कि छठी क्लास से ही विद्यार्थी अटल टिंकरिंग लैब में जाए और फिर कॉलेज से निकलते ही उसको Incubation का, Start Up का एक इकोसिस्टम तैयार मिले। इसी सोच के साथ बहुत ही कम समय में देश में 5 हज़ार से अधिक अटल टिंकरिंग लैब बनाए गए हैं।
इनके अलावा 200 से अधिक अटल इंक्यूबेशन सेंटर्स भी तैयार किए गए हैं। हमारे विद्यार्थी, देश की चुनौतियों को अपने तरीके से Solve करें, इसके लिए लाखों-लाख छात्र-छात्राओं को अलग-अलग Hackathons में शामिल होने का अवसर दिया गया है। इसके अलावा नीतियों के जरिए, आर्थिक मदद के जरिए हज़ारों Start ups को Support किया गया है।