Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

Salient Points of PM’s address at ‘5th India international Science Festival’ via video conferencing

दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जिसने Science और Technology के बगैर प्रगति की हो। भारत का भी इसमें बहुत समृद्ध अतीत रहा है, हमने दुनिया को बहुत बड़े-बड़े वैज्ञानिक दिए हैं। हमारा अतीत गौरवशाली है। हमारा वर्तमान साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रभाव से भरा हुआ है। इन सबके बीच भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारियां अनेक गुना बढ़ जाती है।

ये जिम्मेदारियां मानवीय भी हैं और इनमें साइंस और टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलने की अपेक्षा भी है। इस जिम्मेदारी को समझते हुए सरकार Invention और Innovation, दोनों के लिए Institutional Support दे रही हैं।

साथियों, देश में साइंस और टेक्नोलॉजी का इकोसिस्टम बहुत मजबूत होना चाहिए। एक ऐसा इकोसिस्टम जो प्रभावी भी हो और पीढ़ी दर पीढ़ी प्रेरक भी हो। हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

हमारा प्रयास है कि छठी क्लास से ही विद्यार्थी अटल टिंकरिंग लैब में जाए और फिर कॉलेज से निकलते ही उसको Incubation का, Start Up का एक इकोसिस्टम तैयार मिले।

इसी सोच के साथ बहुत ही कम समय में देश में 5 हज़ार से अधिक अटल टिंकरिंग लैब बनाए गए हैं। इनके अलावा 200 से अधिक अटल इंक्यूबेशन सेंटर्स भी तैयार किए गए हैं। हमारे विद्यार्थी, देश की चुनौतियों को अपने तरीके से Solve करें, इसके लिए लाखों-लाख छात्र-छात्राओं को अलग-अलग Hackathons में शामिल होने का अवसर दिया गया है। इसके अलावा नीतियों के जरिए, आर्थिक मदद के जरिए हज़ारों Start ups को Support किया गया है।

साथियों,

हमारे ऐसे ही प्रयासों का परिणाम है कि बीते 3 साल में Global Innovation Index में हम 81st Rank से 52nd Rank पर पहुंच गए हैं। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Successful Startup Ecosystem बन चुका है।

इतना ही नहीं Higher Education और Research के लिए भी अभूतपूर्व काम किया जा रहा है। हमने हायर एजुकेशन से जुड़े नए संस्थान बनाने के साथ-साथ उनकी Functional Autonomy को भी बढ़ाया है।

साथियों,

आज हम इतिहास के एक अहम मोड़ पर खड़े हैं। इस वर्ष हमारे संविधान को 70 वर्ष हो रहे हैं। हमारे संविधान ने Scientific Temper को विकसित किए जाने को, हर देशवासी के कर्तव्य से जोड़ा है।

यानि ये हमारी Fundamental Duty का हिस्सा है। इस ड्यूटी को निभाने की, निरंतर याद करने की, अपनी आने वाली पीढ़ियों को इसके लिए जागरूक करने की, हम सभी की जिम्मेदारी है।

जिस समाज में Scientific Temper की ताकत बढ़ती है, उसका विकास भी उतनी ही तेजी से होता है। Scientific Temper अंधश्रद्धा को मिटाता है, अंधविश्वास को कम करता है।

Scientific Temper समाज में क्रियाशीलता को बढ़ाता है। Scientific Temper प्रयोग शीलता को प्रोत्साहित करता है।

हर चीज में रीजनिंग खोजता है, तर्क और तथ्यों के आधार पर अपनी राय बनाने की समझ पैदा करता है और सबसे बड़ी बात, ये Fear of Unknown को चुनौती देने की शक्ति देता है। अनादिकाल से इस Fear of Unknown को चुनौती देने की शक्ति ने ही अनेक नए तथ्यों को सामने लाने में मदद की है।

साथियों, मुझे खुशी है कि देश में आज Scientific Temper एक अलग स्तर पर है। मैं आपको हाल ही का एक उदाहरण देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 2 पर बहुत मेहनत की थी और इससे बहुत उम्मीदें पैदा हुई थीं। सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ, फिर भी यह मिशन सफल था।