Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

PM’s interaction with representatives of Varanasi based NGOs

  • हर-हर महादेव, काशी के पुण्‍य धरती के आप सब पुण्‍यात्‍मा लोगन के प्रणाम हौ। सावन महीना चल रहा है। ऐसे में बाबा के चरणों में आने का मन हर किसी को करता है।
  • लेकिन जब बाबा की नगरी के लोगों से रूबरू होने का मौका मिला है तो ऐसा लगता है कि आज मेरे लिए एक दर्शन करने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हुआ है। सबसे पहले तो आप सभी को भगवान भोले नाथ के इस प्रिय महीने की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
  • ये भगवान भोले नाथ का ही आर्शीवाद है कि कोरोना के इस संकटकाल में भी हमारी काशी उम्‍मीद से भरी हुई है, उत्‍साह से भरी हुई है। ये सही है कि लोग बाबा विश्‍वनाथ धाम इन दिनों नहीं जा पा रहे और वो भी सावन में न जा पाना, तो आपकी पीड़ा में समझ सकता हूं। ये भी सही है कि मानस मंदिर हो, दुर्गा कुंड हो, संकट मोचन में सावन का मेला; सब कुछ स्‍थगित हो गया है, नहीं लग पाया है।
  • लेकिन ये भी सही है कि इस अभूतपूर्व संकट के समय में और मेरी काशी, हमारी काशी ने, इस अभूतपूर्व संकट का डटकर मुकाबला किया है। आज का ये कार्यक्रम भी तो इसी की एक कड़ी ही है। कितनी ही बड़ी आपदा क्‍यों न हो, कोई भी काशी के लोगों की जीवटता का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। जो शहर दुनिया को गति देता हो, उसके सामने कोरोना क्‍या चीज है, ये आपने दिखा दिया है।
  • मुझे बताया गया है कि कोरोना के…काशी की जो विशेषताएं हैं, इस कोरोना के कारण काशी में चाय की अडियां, वो भी सूनी हो गई हैं तो अब डिजिटल अडियां शुरू हो गई हैं। अलग-अलग क्षेत्र की विभूतियों ने अडी परम्‍परा को तो जीवंत किया है। यहां की जिस संगीत परंपरा को बिस्मिल्‍ला खां जी, गिरिजा देवी जी, हीरालाल यादव जी जैसे महान साधकों ने समृद्ध किया; उसको आज काशी के सम्‍मानित कलाकार, नई पीढ़ी के कलाकार आगे बढ़ा रहे हैं। इस तरह के अनेक काम पिछले तीन-चार महीने में काशी में निरंतर हुए हैं।
  • इस दौरान भी मैं लगातार योगीजी से संपर्क में रहता था, सरकार के अलग-अलग लोगों से संपर्क में रहता था। काशी से जो खबरें मेरे पास आती थीं, उनको क्‍या करना-क्‍या नहीं करना, लगातार सबसे बात करता था। और आपमें से भी कई लोग हैं, बनारस में कई लोगों से मैं regularly फोन पर बात करता था, सुख-दुख पूछता था, जानकारियां लेता था, फीडबैक लिया करता था। और उसमें से कुछ इसी कार्यक्रम में भी मुझे पक्‍का भरोसा है कि यहां पर बैठे होंगे, जिनसे मेरी कभी फोन पर बात हुई होगी।
  • संक्रमण को रोकने के लिए कौन क्या कदम उठा रहा है, अस्पतालों की स्थिति क्या है, यहां क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं, क्वारंटीन को लेकर क्या हो रहा है, बाहर से आए श्रमिक साथियों के लिए हम कितना प्रबंध कर पा रहे हैं, ये सारी जानकारियां मैं बिल्‍कुल लगातार लेता रहता हूं।
  • साथियों, हमारी काशी में बाबा विश्‍वनाथ और मां अन्‍नपूर्णा, दोनों विराजते हैं। और पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। तभी से काशी पर ये विशेष आर्शीवाद रहा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा, मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ, सबके खाने का इंतज़ाम कर देंगे।
  • आप सभी के लिए, तमाम संगठनों के लिए, हम सभी के लिए ये बहुत सौभाग्य की बात है कि इस बार गरीबों की सेवा का माध्यम भगवान ने हम सबको बनाया है, विशेषकर आप सबको बनाया है। एक तरह से आप सभी मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ के दूत बनकर हर ज़रूरतमंद तक पहुंचे हैं।
  • बाबा विश्वनाथ और गंगा मैया का आशीर्वाद आप सभी पर बना रहे, इसी कामना के साथ मैं मेरी वाणी को विराम देता हूं और फिर से एक बार आपके इस महान कार्य को प्रणाम करता हूं।
  • बहुत-बहुत धन्यवाद ! हर-हर महादेव !!!

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