नरेंद्र मोदी जी 25 मई, 2023 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 9 वर्ष पूर्ण कर लेंगे । इस लंबी अवधि के दौरान मोदीजी की सरकार ने आर्थिक नीति के मोर्चे पर अनगिनत साहसिक निर्णय लिए हैं। जिसकी वजह से भारत की गणना विश्व के अग्रिम और संभावना वाले देश के तौर पर की जा रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के संदर्भ में देखें तो वर्ष 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था दसवें स्थान पर थी। आज जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृतकाल के दौर में प्रवेश कर चुका है, हम ग्लोबल इकोनॉमी में पांचवें स्थान पर आ गए हैं। भारत ने युनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ा है और ये मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की बेहद बड़ी सफलता है।
जब 2014 में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो वैश्विक जीडीपी में भारत का हिस्सा 2.6 फीसदी पर रहा था, आज इसे देखें तो ये बढ़कर 3.5 फीसदी पर आ चुका है। निश्चित रूप से आजादी के 75वें वर्ष में ये आंकड़ा देश का हौसला बढ़ाने का काम करता है। 2014 से लेकर अब तक देश के गुड्स एंड सर्विसेज (जीएसटी) कलेक्शन में 22 फीसदी की वृद्धि हुयी है। देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भारत सरकार का जो आर्थिक संकल्प है, ये आंकड़े उसे दर्शाते है।
भारत के इस अमृत काल में मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि देश में कोई भूखा ना सोने पाए। आज सक्षम नेतृत्व की वजह से देश की 80 फीसदी जनसंख्या को 5 किलो चावल और एक किलोग्राम दाल मुहैया करने के संकल्प की पूर्ति हो रही है। मोदी सरकार की पूरी कोशिश है कि विकास का लाभ देश के सभी नागरिकों को मिले। ओर इस आर्थिक विकास में देश के नागरिको की सहभागिता भी मोदी जी ने सुनिश्चित की है उदाहरण के तौर पर देश में जीएसटी का कलेक्शन भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इस वर्ष जीएसटी कलेक्शन ने सारे पुराने रेकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। विगत माह यह 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पहला मौका है जब किसी महीने जीएसटी 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। अप्रैल 2023 में जीएसटी संग्रह सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़ा है।
साथ ही एफडीआई इनफ्लो का असर वित्तीय वर्ष 2022 में 83 बिलियन डॉलर का रहा जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है साथ ही साथ मोदी सरकार की यह एक बड़ी उपलब्धि भी है।
तमाम राष्ट्रीय एजेंसियां और वित्तीय संस्थान भी भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर में तेजी को स्वीकार कर रहे हैं। हाल ही में मोर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2022-23 में भारत की इकोनॉमी पूरे एशिया में सबसे तेज गति से विकास करेगी। मोर्गन स्टेनली के अनुसार इसी के साथ एशिया की ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत और विश्व की ग्रोथ में 22 प्रतिशत रहेगी। मोर्गन स्टेनली ने यह भी कहा है की मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 7 फीसदी औसतन रहने का अनुमान है जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। वर्ष 2014 से पहले, भारत ‘फ्रैजाइल फाइव‘ देशों में से एक था, यह शब्द निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली ने ही गढ़ा गया था। आज हम उस श्रेणी से निकलकर विश्व की ‘फैबुलस फाइव‘ अर्थव्यवस्थाओं में सहभागी हो गए हैं । मॉर्गन स्टेनली के प्रबंध निदेशक श्री चेतन अह्या द्वारा वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण पर हाल ही में प्रकाशित एक लेख के अनुसार भारत 2027 तक अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी । अगले दस वर्षों में भारत की जीडीपी बढ़कर 8.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगी । यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारत विश्व के लिए आशा और विश्वास का केंद्र बन गया है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उनकी सरकार की प्राथमिकता में देश को उपभोक्ता से उत्पादक देश बनाने की तय की थी। इस हेतु मेक इन इंडिया समेत वोकल फ़ॉर लोकल एंड ग्लोबल जैसे कई अभियानों को चलाया गया। इसमें भारत ने उपलब्धि प्राप्त की जिससे निर्यात काफी बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2022 के आंकड़ों को देखे तो मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 421 मिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंच गया है . ‘मेक इन इंडिया’ और ‘पी.एल.आई. स्कीम’ के कारण वस्तुओं के निर्यात में 100 अरब डॉलर से अधिक की बढ़ौतरी हुई। वर्ष 2013-14 में 312 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था और जो वर्ष 2021-22 में आर.बी.आई. के आंकड़ों के अनुसार 421 अरब डॉलर का रहा। साथ ही सर्विस सेक्टर में एक्सपोर्ट 254 मिलियन डॉलर के आंकड़े को प्राप्त किया है।
भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक जहाँ अमेरिका, चीन और फ्रांस जैसे विकसित देशों पर भी मंदी का खतरा मंडरा रहा है वहीं भारत में मंदी की संभावना शून्य है। इंग्लैंड में मंदी की सबसे अधिक आशंका यानी 75 फीसदी है. वहीं न्यूजीलैंड 70 फीसदी आशंका के साथ दूसरे और अमेरिका 65 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर है। यहाँ तक की भारत की सबसे बड़ी चुनौती और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में भी मंदी आने की आशंका इस साल 12.5 फीसदी है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगले तीन साल में भारत निवेश के लिए सर्वोत्तम स्थान है जहाँ गिरावट के आसार कम सबसे कम हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के 9 वर्षो के कार्यकाल में आर्थिक विकास की बदौलत भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसके कारण देश आज आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है । इसमें जी.एस.टी. लागू करने से हमारी कर व्यवस्था में सुधार हुआ, जिससे सरकारी राजस्व में वृद्धि के साथ ही व्यापारी और आम लोगों को भी सहूलियत हुई। सभी गांवों का विद्युतीकरण किया गया, जिसके बाद लघु एवं कुटीर उद्योगों में वृद्धि हुई। ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘पी.एल.आई. स्कीम’, ‘दीवालिया कानून’, ‘ईज आफ डूइंग बिजनैस’, ‘डिजिटलीकरण’ जैसे सुधार कार्यक्रम प्रमुख रूप से शामिल हैं। ‘जनधन योजना’ के कारण आज देश की अर्थव्यवस्था से पूरा देश जुड़ गया है।
वर्ष 2014 तक मात्र 2.45 करोड़ बैंक खाते थे, लेकिन वित्तीय समावेश के लिए प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरूआत की गई और इस योजना के तहत 45.41 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं और इनमें 1,67,145.80 करोड़ रुपए जमा हैं । डिजिटलाइजेशन में आज विश्व का 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजैक्शन भारत में हो रहा है। मोबाइल का चिप कभी हम दूसरे देशों से आयात करते थे, आज हम इसके उत्पादन में विश्व में दूसरे नंबर पर हैं।
निश्चित रूप से मोदी जी के नेतृत्व में इन 9 वर्षो में भारत एक आत्मविश्वासी एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में उभरा है जो सामूहिक कल्याण में विश्वास करता है।