Home » प्रधानमंत्री ने ‘कोविड-19’ से निपटने हेतु आगे की योजना बनाने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया
- लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, देश पिछले डेढ़ माह में हजारों जिंदगियां बचाने में कामयाब रहा है
- तेजी से प्रभावकारी कदम उठाना हमारा उद्देश्य होना चाहिए, ‘दो गज दूरी’ के मंत्र का पालन करने की आवश्यकता है
- ‘राज्यों को रेड जोन को ऑरेंज जोन और फिर ग्रीन जोन में बदलने की दिशा में अपने प्रयासों को केंद्रित करना चाहिए’
- हमें साहसी बनना होगा और आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने वाले सुधारों को लागू करना होगा
- हमें अर्थव्यवस्था को विशेष महत्व देना होगा और इसके साथ ही कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी होगी
- आने वाले महीनों में भी कोरोना वायरस का प्रभाव दिखाई देगा, मास्क और फेस कवर हमारे जीवन का हिस्सा होंगे
- लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं क्योंकि देश पिछले डेढ़ महीनों में हजारों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहा है। भारत की आबादी कई देशों की संयुक्त जनसंख्या के बराबर है। भारत सहित कई देशों में इस दृष्टि से स्थिति मार्च की शुरुआत में कमोबेश एक समान थी।
- हालांकि, समय पर उठाए गए ठोस कदमों की बदौलत भारत अनगिनत लोगों की जिंदगी की रक्षा करने में सक्षम रहा है।
- वायरस का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और निरंतर सतर्क रहना सबसे अधिक जरूरी है।
- देश ने अब तक दो लॉकडाउन देखे हैं, दोनों ही कुछ पहलुओं में एक-दूसरे से भिन्न हैं, और अब हमें आगे की राह के बारे में सोचना होगा।
- विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना वायरस का प्रभाव आने वाले महीनों में भी दिखाई देगा। मास्क और फेस कवर आने वाले दिनों में हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएंगे।
- इन परिस्थितियों में तेजी से प्रभावकारी कदम उठाना निश्चित तौर पर हर किसी का उद्देश्य होना चाहिए। आज कई लोग स्वयं ही आगे आकर यह जानना चाह रहे हैं कि क्या उन्हें खांसी और सर्दी या इस रोग के लक्षण हैं, जो एक स्वागत योग्य संकेत है।
- हमें अर्थव्यवस्था को विशेष महत्व देना होगा और इसके साथ ही कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी होगी। ‘हमें साहसी बनना होगा और आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने वाले सुधारों को लागू करना होगा।’
- विश्वविद्यालयों से जुड़े लोगों को महामारी से लड़ने के तरीकों को विकसित करने और अनुसंधान के साथ-साथ नवाचार को भी मजबूत करने के लिए एकीकृत किया जाए.
- राज्यों को ‘रेड जोन’ को पहले ‘ऑरेंज जोन’ में और फिर ‘ग्रीन जोन’ में बदलने की दिशा में अपने प्रयासों को केंद्रित करना चाहिए।
- विदेश में रहने वाले भारतीयों को कोई असुविधा न हो और उनके परिवार किसी भी जोखिम में नहीं हों। आप सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह है कि वे आगे की रणनीति तैयार करते समय मौसम में बदलाव यथा गर्मी एवं मानसून के आगमन और इस मौसम में आने वाली बीमारियों को अवश्य ही ध्यान में रखें।
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