Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

देश के विकास और कांग्रेस की हताशा के दस साल

नरेंद्र मोदी सरकार दस वर्ष पूरे कर रही है. इस अवधि में देश का अभूत पूर्व विकास हुआ है. भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की दिशा में प्रयास तेज हो चुके हैं. पांच सौ वर्षों का सपना साकार हुआ है. अयोध्या धाम में भव्य श्री राम मन्दिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं. 

दूसरी तरफ कांग्रेस हताशा निराश है. कुछ समय पहले उसे तीन राज्यों मे पराजय का सामना करना पड़ा. राजस्थान छत्तीसगढ़ उसके हांथ से निकल गए. बिहार में इंडी की जगह एनडीए की सरकार बन गई. राहुल गांधी की भारत जोड़ों और न्याय यात्रा फ्लॉप रही. काग्रेस भाजपा और मोदी का विरोध करते करते देश हित के विरुद्ध चली जाती है. इससे उसकी विश्वसनीयता रसातल पर पहुँच रही है. मोदी 

सरकार की नौंवी वर्षगांठ के ठीक पहले पापुआ न्यू गिनी ने उन्हें अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया था। गवर्नर जनरल सर बाब दबाई ने पीएम मोदी को ग्रैंड कैम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु दिया। फिजी के प्रधानमंत्री सितीवेनी राबुका ने ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया। चुनिंदा गैर फिजी नागरिकों को यह सम्मान दिया गया है। नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग एक दर्जन सम्मान मिल चुके हैं। आज देश-विदेश में मोदी मोदी की गूंज सुनाई देती है और वे एक वैश्विक नेता के रूप में प्रतिष्ठित हो रहे हैं।

कोरोना महामारी का प्रकोप रहा। इसने दुनिया के विकसित देशों को भी हिला कर रख दिया। सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव हुआ। इससे अभी संभलने का प्रयास चल रहा था, तभी रूस-यूक्रेन संकट सामने आ गया। इन सभी कारणों से पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ी है।

विश्व की परिस्थितियां प्रतिकूल रही हैं। दुनिया का कोई देश इससे बचा नहीं है। फिर भी मोदी सरकार के प्रयासों से भारत की स्थिति संभली हुई है। किंतु भारत का विपक्ष नकारात्मक राजनीति से बाहर निकलने को तैयार नहीं है। निष्पक्षता के नाम पर नकारात्मक प्रचार करने वाले पत्रकार भी इसमें शामिल हैं। वह बता रहे है कि नौ वर्षो में महंगाई की दर सर्वाधिक है। किंतु उनके विश्लेषण में दुनिया की परिस्थिति शामिल नहीं है।

यूपीए सरकार तेल उत्पादक देशों व कम्पनियों का कई लाख करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ गई थी। इसकी भरपाई भी वर्तमान सरकार को करनी पड़ रही है। इन दस वर्षों में अनेक संवेदनशील समस्याओं का समाधान हुआ। यह सभी नरेंद्र मोदी सरकार के कारण ही संभव हुआ। यदि कोई अन्य सरकार होती तो इन मसलों पर चर्चा तक मुनासिब ना होती।

कांग्रेस के अनेक दिग्गज नेता श्रीरामजन्मभूमि की सुनवाई को टालने के लिए जमीन आसमान एक कर रहे थे। श्रीरामजन्मभूमि का विवाद पांच शताब्दी पुराना था। नरेंद्र मोदी सरकार ने कोर्ट में शीघ्र निर्णय का मार्ग प्रशस्त किया। इससे सदियों से लंबित समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से हुआ।

तीन तलाक पर प्रतिबंध भी नरेंद्र मोदी सरकार के कारण संभव हुआ। अनेक मुस्लिम देश इस पर रोक लगा चुके हैं। लेकिन भारत में रोक की बात को ही साम्प्रदायिक करार दिया जाता था। मोदी सरकार ने इसकी कोई चिंता नहीं की और कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को न्याय देने का काम किया।अनुच्छेद-370 और 35ए का विरोध करना भी साम्प्रदायिकता माना जाता था। सेक्युलर दिखने के लिए इन अलगाववादी प्रावधानों का समर्थन जरूरी था। इसके हटने पर गम्भीर परिणाम की चेतावनी तक दी गई। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने इसको हटा कर ही दम लिया। देश में आजादी के सात दशक बाद एक विधान एक निशान लागू हुआ।

इसी प्रकार पाकिस्तान, बांगलादेश, अफगानिस्तान के उत्पीड़ित हिन्दू, बौद्ध, सिख, पारसी को न्याय मिला। नागरिकता संशोधन कानून लागू हुआ। इसका जिस प्रकार विरोध किया गया उससे जाहिर हुआ कि मोदी सरकार ना होती तो इन पीड़ितों की सुनने वाला कोई नहीं था। आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी गई। इसलिए देश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। नरेंद्र मोदी ने अपनी दूरदर्शी नीतियों, समर्पण और टीम इंडिया की भावना के साथ देश के लोकतंत्र को एक नई दिशा दी है।

सरकार का प्रत्येक निर्णय लोक कल्याण व राष्ट्रीय हित के अनुरूप है। प्रधानमंत्री मोदी ने दशकों से लंबित फैसलों को लागू किया। कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। मगर भारत की अर्थव्यवस्था अब भी विकास की राह पर है। बीस लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के सहारे भारत की विकास यात्रा को नई गति मिली है तथा देश आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ा है।आजादी के बाद सात दशकों में देश के केवल साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों में ही पानी के कनेक्शन थे।सालों में भारत ने डिजिटल लेनदेन में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। रिकॉर्ड सैटेलाइट प्रक्षेपित किये जा रहे हैं। रिकॉर्ड सड़कें बनाई जा हैं। दशकों से लंबित अनेक योजनाएं पूरी की गई हैं। अनेक पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। पूर्वोत्तर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है। लेकिन नरेंद्र मोदी के शासन में साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी कनेक्शन दिए गए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान लागू की गई। इसके दायरे में पचास करोड़ लोग हैं।सालों में भारत ने डिजिटल लेनदेन में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। रिकॉर्ड सैटेलाइट प्रक्षेपित किये जा रहे हैं। रिकॉर्ड सड़कें बनाई जा हैं। दशकों से लंबित अनेक योजनाएं पूरी की गई हैं। अनेक पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। पूर्वोत्तर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है। कोरोना काल में अस्सी करोड़ लोगों को निशुल्क राशन की व्यवस्था की गई। यह आज भी जारी है. जन औषधि दवा केन्द्र की संख्या अस्सी से बढ़कर पांच हजार हो गई। करीब सवा सौ नये मेडिकल कालेज खुले हैं। यूपीए के दस वर्ष में भारतीय रेल ने मात्र चार सौ तेरह रेल रोड ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण किया। मोदी सरकार ने इससे तीन गुना अधिक निर्मांण किया। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के पन्द्रह करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं। यह दुनिया की सबसे सस्ती योजना है।

बिजली उत्पादन में चालीस प्रतिशत वृद्धि हुई। सोलर ऊर्जा में आठ गुना वृद्धि हुई। फसल बीमा योजना का लाभ पहले पचास प्रतिशत नुकसान पर मिलता था। अब किसान को तैतीस प्रतिशत पर भी मिल जाता है। सरकार ने यूरिया को नीम कोटेड किया जिससे इसकी कालाबाजारी खत्म हुई। देश मे अब यूरिया की कोई कमी नहीं होती।

पिछली सरकारों के समय बावन सेटेलाईट लॉन्च किये गए थे। मोदी सरकार अब तक देशी-विदेशी करीब तीन सौ सेटेलाईट लॉन्च कर चुकी है। यूपीए के समय ग्रामीण सड़क से जुड़ी बस्तियां पचपन प्रतिशत थीं। अब करीब पंचानबे प्रतिशत हैं।

नरेंद्र मोदी सरकार ने चालीस करोड़ लोगों के जनधन खाते खुलवाए। पहले ये लोग बैंकिंग सेवा से वंचित थे। आयुष्मान, उज्ज्वला और निर्धन आवास योजनाएं संचालित की गई। देश खुले में शौच से मुक्त हो गया।राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए कहा था कि सरकारी योजनाओं के एक रुपये में से केवल पन्द्रह पैसा ही गरीबों तक पहुंचता है। लेकिन वे बस कहकर ही रह गए, समाधान की दिशा में कुछ नहीं किया। समाधान नरेंद्र मोदी ने किया है। आज सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ सीधे लोगों के खातों में पहुंच रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां बेमिसाल है. विकास को नया आयाम मिला है. इसमें रेलवे भी शामिल है. रेलवे का विश्व स्तरीय विकास हो रहा है. यूपी के पहले विश्व स्तरीय गोमती नगर रेलवे स्टेशन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया. लखनऊ के सांसद और रक्षामंत्री स्टेशन परिसर में आयोजित समारोह में उपस्थित रहे. करीब 385 करोड़ रुपए की लागत से इसको तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी ने गोमतीनगर हाल्ट को स्टेशन बनाने की योजना की नींव रखी थी। 2018 में राजनाथ सिंह जी के  प्रयासों से यह प्रोजेक्ट प्रारंभ हुआ था. पहले  यहां मात्र तीन प्लेटफॉर्म थे. अब छह प्लेटफॉर्म निर्मित हो गए हैं. पहले यहां मात्र एक हाल्ट था। 

स्टेशन का निर्माण दस एकड़ क्षेत्रफल में किया गया है। स्टेशन की उत्तर दिशा की टर्मिनल बिल्डिंग भूतल के साथ दो तल की और दक्षिण टर्मिनल की बिल्डिंग भूतल के साथ एक तल की है। एयर कानकोर्स बनाया गया है।

वेटिंग रूम, कैफेटेरिया, लाउंज की सुविधा भी होगी। नए टर्मिनल पर चौदह लिफ्ट और तेरह एक्सेलेटर है. सोलर एनर्जी से यह स्टेशन रोशन होगा. चार लाख वर्गफिट क्षेत्रफल में दो कामर्शियल ब्लाक भी विकसित किए हैं।

हर ब्लॉक में डबल बेसमेंट के साथ भूतल और चार मंजिला निर्माण किया गया है। करीब उन्तीस हजार वर्गमीटर की डबल बेसमेंट की पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पांच सौ पैंतालीस रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास और पंद्रह सौ रोड ओवर ब्रिज रोड अंडर ब्रिज की आधारशिला रखी। रेलवे से जुड़ी दो हजार से अधिक परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी तो इस सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत जून से होने वाली है। लेकिन अभी से भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के काम में तेजी दिखाई देने लगी है. दशकों तक रेलवे को हमारे यहां की स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा लेकिन अब भारतीय रेलवे देशवासियों की यात्रा में आसानी कर रही है. जिस रेलवे के हमेशा घाटे में रहने का रोना रोया जाता था, आज वह रेलवे परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है. आज करीब पैंतालीस हजार करोड़ की रेलवे परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है. 

आने वाले 5 वर्षों में हजारों स्टेशनों के आधुनिक होने पर भारतीय रेल की क्षमता बढ़ेगी और निवेश की एक बहुत बड़ी क्रांति आएगी। अब भारत अभूतपूर्व स्तर पर अभूतपूर्व गति से काम कर रहा है। छोटी-छोटी आकांक्षाओं से अलग होकर आज का भारत बड़े सपने देखने और उन सपनों को जल्द से जल्द साकार करने की ओर बढ़ चुका है। बजटीय आवंटन अधिक होने पर भी लीकेज से विकास बाधित होता है। यूपीए के मुकाबले नई रेलवे लाइनें बिछाने की गति दोगुनी हो गई है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया विजन में विकास और लोक कल्याण का समावेश है। भारत को विकसित बनाने का संकल्प है। संकल्प को सिद्ध करने की इच्छाशक्ति है। उनकी नौ वर्ष की यह यात्रा यही प्रमाणित करती है। दूसरी तरफ विपक्ष के गठबंधन ने शब्दों के जुगाड़ से अपने लिए इंडिया नाम गढ़ लिया है। लेकिन उनकी कल्पना के इस इंडिया में विकास की कोई बात नहीं होती। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित बनने की दिशा में अग्रसर है। इसकी कार्ययोजना पर कार्य प्रगति पर है। इस नये भारत का रेलवे भी नया है, क्योंकि रेलवे में विकास की दृष्टि से भी दस साल बेमिसाल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भी कि भारत विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा है। इसमें रेलवे का विकास का शामिल है। गति वर्ष 

भारतीय रेलवे के इतिहास में नया अध्याय जुड़ा था. अमृत भारत रेलवे स्टेशन अभियान के अंतर्गत तेरह स्टेशन विकसित करने की योजना शुरू की गई. 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना पहले चरण का गति वर्ष शुभारंभ किया था। पहले चरण मे पांच सौ आठ अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ। इन अमृत भारत स्टेशन के नवनिर्माण पर करीब पच्चीस हजार करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित थी. यह नया भारत है। सभी अमृत स्टेशन ग्रीन बिल्डिंग्स के मानकों को पूरा करेंगे। अगले करीब छह वर्षों में भारत की रेलवे नेट जीरो एमिशन पर चलेगी। इसके साथ विपक्ष का इंडिया विकास को मुद्दा क्यों नहीं बनाना चाहता, यह भी स्पष्ट हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने दस वर्षों के दौरान रेलवे से सम्बन्धित कार्यों का उल्लेख किया। इतने मात्र से यूपीए सरकार बहुत पीछे छूट गई। नौ वर्षों के दौरान रेलवे में रिकॉर्ड धनराशि का निवेश किया गया। चालू वर्ष के लिए रेलवे को ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट दिया गया है। ये बजट दस वर्ष पहले की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। रेलवे का समग्र विकास किया जा रहा है। लोकोमोटिव्स उत्पादन में भी दस वर्ष के दौरान नौ गुना की वृद्धि हुई है। आज देश में पहले की अपेक्षा तेरह गुना ज्यादा कोच बन रहे हैं। दस वर्ष में सोलर पैनल से बिजली बनाने वाले रेलवे स्टेशनों की संख्या भी बारह सौ से ज्यादा हो गई है। सभी स्टेशन ग्रीन एनर्जी बनाएंगे। ट्रेनों के करीब सत्तर हजार कोच में एलईडी लाइट्स लगाई जा चुकी हैं। ट्रेनों में बायो टॉइलेट की संख्या नौ वर्ष पहले के मुकाबले अब अट्ठाइस गुना ज्यादा हो गई है। सबसे विकास में पिछली सरकारों की विफलता का अनुमान लगाया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि पूर्ववर्तियों के भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के चलते विकास और लोक कल्याण के कार्य उपेक्षित हुए। ऐसी सरकारें दायित्व का निर्वाह नहीं कर सकतीं। आज यही लोग नये भारत की विकास यात्रा में बाधा पैदा कर रहे हैं। विपक्ष का एक धड़ा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। देश ने आज की और भविष्य की जरूरतों की चिंता करते हुए संसद की आधुनिक इमारत बनवाई। इस धड़े ने इसका भी विरोध किया। कर्तव्यपथ का विकास किया तो उसका भी विरोध किया गया। इन लोगों ने सत्तर साल तक वीर शहीदों के लिए वार मेमोरियल तक नहीं बनाया। हमने नेशनल वार मेमोरियल बनवाया, आलोचना करते वक्त इनको शर्म तक नहीं आई। सरदार वल्ल्भ भाई पटेल स्टेच्यू ऑफ यूनिटी आज दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। हर हिन्दुस्तानी को गर्व होता है। कुछ राजनीतिक दल चुनाव के समय तो सरदार साहब को याद कर लेते हैं। लेकिन, आज तक इनका एक भी बड़ा नेता इस भव्य प्रतिमा के दर्शन करने नहीं गया। यह सच है कि साउथ अफ्रीका, यूक्रेन,पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा रेल ट्रैक हमारे देश में इन नौ वर्षों में बिछाया गया है। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे देशों का जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा ट्रैक भारत ने अकेले पिछले एक साल में बनाया है। भारत में आधुनिक ट्रैक

(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

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