• मुझे यहा आने का अवसर मिला और जिस प्रकार से प्रधानमंत्री जी ने, पुर्तगाल की सरकार ने, यहां के लोगों ने हमारा स्वाटगत-सम्माुन किया। इसके लिए मैं उनका बहुत आभारी हूं और यह स्वाsगत-सम्मापन एक व्येक्ति का नहीं सवा सौ करोड़ हिंदुस्ताानियों का स्वाेगत है।
• पुर्तगाल का भारत के सांस्कृमतिक विरासत के रूप में एक संबंध रहा, बड़ी निकटता रही। लेकिन गुजरात के साथ उनका एक विशेष नाता रहा।
• 70 साल में पहली बार हिंदुस्तावन से कोई प्रधानमंत्री bilateral visit के लिए यहां आया है और यह सौभाग्य मुझे मिला है।
• मुझे यह सौभाग्य मिला आज आने का और कई विषयों पर जैसे प्रधानमंत्री जी ने बताया, कई विषयों पर चर्चा हुई, कई महव्पूैर्ण निर्णय किए और भारत और पुर्तगाल कंधे से कंधा मिला करके, हम दोनों के पास जो अनुभव है, दोनों के पास जो शक्ति है, दोनों की जो आवश्यऔकता है, उसको ले करके आगे बढ़ने की दिशा में कई महत्व पूर्ण निर्णय किए हैं।
• पिछले दिनों मुझे यहां के पूर्व प्रधानमंत्री और अब United Nations के Secretary General श्रीमान एंटोनियो गुटेरेस से रशिया में मिलने का सौभाग्य मिला और मैं इतना प्रसन्नग था कि उनके साथ बातों में उन्होंtने योगा पर इतनी detail चर्चा की मेरे साथ। उन्होंलने कहा मेरे परिवार के सभी व्यनक्ति योगा से जुड़े हुए हैं।
• योगा के प्रति उनका आदर-भाव और आज भी मैंने देखा यहां के नागरिकों ने योगा का बहुत अच्छाो उत्ततम प्रदर्शन किया। ओंकार मंत्र का जाप किया, ओम नम: शिवाय का जाप किया।
• हम विश्वक के सभी समुदायों को अपने साथ ले करके चलने वाले स्वनभाव के देश हैं।
• हम मिल करके न सिर्फ भारत और पुर्तगाल का ही भला करे, लेकिन हम मिल करके दुनिया की भलाई के अंदर भी अपना बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं और आज वो अवसर मैं देख रहा हूं, यहां की ताकत को मैं अनुभव कर रहा हूं।
• स्पेदस की दुनिया में भारत के youth ने, भारत के वैज्ञानिकों ने कमाल करके दिखा दिया। कल ही 30 Nano-satellites launch करने का काम भारत के स्पेुस साइंटिस्टोंह ने किया। कुछ दिन पहले हमारे स्पेञस साइंटिस्टोंख ने World Record बनाया।
• आर्थिक क्षेत्र में भी अनेक विद्-नये बदलाव आ रहे हैं। नियमों में बदलाव आ रहे हैं। foreign direct investment के लिए कई द्वार खोल दिए गए हैं। भारत में 21वीं सदी के अनुकूल infrastructure बने। हमारे रेल, रोड 21वीं सदी के अनुकूल global benchmark वाले कैसे बने उस दिशा में इन दिनों भारत लगातार कोशिश कर रहा है। तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
• जिस देश के अंदर 1700 से ज्यानदा बोलियां हो, जिस देश में हर 20 मील के बाद खान-पान का नया टेस्टन मिलता हो। इतनी विविधताओं के बीच जो पले-बढ़े हैं। वो दुनिया की हर विविधता को अपने में समाहित करने का सामर्थ्या रखते हैं और उस संस्काारों के कारण आज विश्व़ में एक स्वीीकृत समाज के नाते, एक acceptable society के नाते भारतीय समाज ने अपनी जगह बनाई है।