अगर आपको मिले बिना मैं जाता तो मेरी यात्रा अधूरी रहती। अलग-अलग स्थानों से आप समय निकाल करके आए हैं। वो भी working day होने के बावजूद भी आए हैं।
ये भारत के प्रति आपका जो प्यार है, भारत के प्रति आपका जो लगाव है उसी का परिणाम है कि हम सब इस एक छत के नीचे आज इकट्ठे हुए है।
मेरा इस देश में पहली बार आना हुआ है लेकिन भारत के लिए ये भू-भाग बहुत ही महत्वपूर्ण है और जब से प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने की आप लोगों ने मुझे जो जिम्मेवारी दी है। प्रारंभ से ही हमने act east policy इस पर बल दिया है।
मैंने अनुभव किया है कि दुनिया भर में आज हर भारतीय गौरव के साथ सर उठा करके आंख में आंख मिलाकर के गौरव के साथ भारतीय होने की बात करता है।
भारत के पास जो सांस्कृतिक विरासत है। भारत के लोग जिन्होंने किसी भी युग में कोई भी युग निकाल दीजिए। सौ साल पहले, पांच सौ साल पहले, हजार साल पहले, पांच हजार साल पहले, इतिहास में एक भी घटना नजर नहीं आती है कि हमनें किसी का बुरा किया हो।
जिस देश के पास जब मैं दुनिया के देश के लोगों से मिलता हूं और जब मैं उनको बताता हूं कि प्रथम विश्वयुद्ध और दूसरा विश्वयुद्ध न हमें किसी की जमीन लेनी थी न हमें कहीं झंडा फहराना था। न हमें दुनिया को कब्जा करना था लेकिन शांति की तलाश में मेरे देश के डेढ़ लाख से ज्यादा जवानों ने शहादत दी थी।
प्रथम विश्वयुद्ध और दूसरे विश्वयुद्ध में शांति के लिए लेना-पाना कुछ नहीं शांति के लिए डेढ़ लाख हिन्दुस्तानी शहादत मोल ले कोई भी भारतीय सीना तानकर के कह सकता है कि हम लोग दुनिया को देने वाले लोग है लेने वाले लोग नहीं और छीनने वाले तो कतई ही नहीं।
हर बार फैसले देश हित में लिए जा रहे है विकास को ध्यान में रख करके लिए जा रहे है। सवा सौ करोड़ का देश आजादी के 70 साल बाद अगर 30 करोड़ परिवार बैंकिंग व्यवस्था से बाहर हो। तो देश की economy कैसे चलेगी।
हमने बीड़ा उठाया प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की और जीरो बैंलेस हो तो भी bank account खोलना है, बैंक वालो को परेशानी हो रही थी।
आपको जान करके खुशी होगी। इतने कम समय में उन जनधन account में 67 thousand crore rupees गरीबों का saving हुआ है। देश की अर्थव्यवस्था की मूलधारा में गरीब सक्रीय भागीदार हुआ है। अब ये छोटा परिवर्तन नहीं है जी, जो शक्ति, सामर्थ्य, व्यवस्था के बाहर था वो आज व्यवस्था के केंद्र बिंदु में आ गया।
आप लोग आकर के मुझे आर्शीवाद दे रहे हैं मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। जिस मकसद के लिए देश ने मुझे काम दिया है उस मकसद को पूरा करने में मैं कोई कमी नहीं रखूगां।
2014 के पहले खबरें क्या आती थीं, कितना गया कोयले में गया, 2 जी में गया, ऐसे ही आता था ना। 2014 के बाद मोदी को क्या पूछा जाता है मोदी जी बताओ तो कितना आया? देखिए ये बदलाव है।
वो एक वक्त था जब देश परेशान था कितना गया आज वक्त है कि देश खुशी की खबर सुनने के लिए पूछता रहता है मोदी जी बताइए न कितना आया।
हमारे देश में कोई कमी नहीं है दोस्तो देश को आगे बढ़ने के लिए हर प्रकार की संभावनाए है, हर प्रकार सामर्थ्य है, उसी बात को लेकर के कई महत्वपूर्ण नीतियां लेकर के हम चल रहे हैं। देश विकास की नई ऊंचाइयों को पार कर रहा है और जन भागीदारी से आगे बढ़ रहे हैं।