Home » Salient Points of PM Modi’s speech at DigiDhan Mela in New Delhi’s Talkatora Stadium on 30 Dec, 2016
- क्रिसमस के दिन भारत सरकार ने एक गिफ्ट की शुरूआत की थी और उसके तहत आने वाले 100 दिन तक प्रतिदिन 15 हजार लोगों को Lucky Draw के माध्यम से 1000 रुपया इनाम में मिलने की योजना और ये उसके लाभार्थी वो लोग हैं, जो Digital Technlogy का उपयोग करते हुए एक ग्राहक के बतौर खरीदी करते हैं 50 रुपये से ज्यादा और 3 हजार रुपये से कम; ताकि इनाम गरीबों को मिले।
- 100 दिन में लाखों परिवारों में इनाम जाने वाला है और Draw होने के तीन दिन के बाद बैंक के लोग उसमें से नाम कौन है को निकाल देते हैं, जो पहले दिन Draw हुआ था, उसमें जिनको इनाम लगा था उसमें से चार लोगों को मुझे आज अपने हाथों से इनाम देने का अवसर मिला।
- ये सप्ताह में एक दिन हो रहा है, आज पहला था; और उसमें उन व्यापारियों को प्रोत्साहन देने की योजना है कि जो अपनी दुकान में ग्राहकों को Digital Payment के लिए प्रेरित करें, उनको समझाएं, वो व्यवस्था दें और 14 अप्रैल, बाबासाहेब अम्बेडकर जी की जयंती पर एक Mega Draw होगा जिसमें करोड़ों रुपयों के इनाम दिए जाएंगे।
- आज एक और काम हुआ, मेरी दृष्टि से ये सबसे महत्वपूर्ण काम हुआ है और वो है एक नई App Launch की गई है जिसका नाम रखा है BHIM . बहुत कम लोगों को मालूम होगा जिस महापुरुष ने हमें संविधान दिया, वो डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर, अर्थशास्त्र में उनकी निपुणता, ये उनकी सच्ची पहचान थी।
- आज हम लोग जिस रिजर्व बैंक की चर्चा करते हैं, RBI की बात करते हैं, डॉक्टर बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो Thesis लिखी थी, उसी के प्रकाश में से विचार ले करके ये रिजर्व बैंक का जन्म हुआ था। इतना ही नहीं, आजाद भारत में हमारे जो Federal Structure है राज्यों और केन्द्र के बीच आर्थिक व्यवस्था कैसे चले, पैसों का बंटवारा कैसे हो, इसके लिए Finance Commission की कल्पना हुई है यह भी बाबा साहेब अम्बेडकर भीमराव अम्बेडकर के विचारों का परिणाम है।
- कितना बड़ा revolution आ रहा है और दो सप्ताह के बाद ये व्यवस्था जब आरंभ होगी, मैं बहुत साफ देख रहा हूं, ये BHIM दुनिया के लिए सबसे बड़ा अजूबा होगा।
- देश में आधार कार्ड, 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को आधार नम्बर मिल चुका है, जो 12-15 साल से छोटी आयु के हैं उनका बाकी है, काम चल रहा है, लेकिन जो बड़ी आयु के हैं 14 से ऊपर; करीब करीब उसमें से अधिकतम लोगों का हो गया है, कुछ छुटपुट कुछ रह गये होंगे तो काम चल रहा है।
- भीमराव अम्बेडर के जीवन का मंत्र यही था ‘’बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय।‘’ वे दलित, पीडि़त, शोषित, वंचितों के मसीहा थे। ये Technology उसकी सबसे बड़ी ताकत; गरीब से गरीब को Empower करने की ताकत इसमें पड़ी हुई है।
- आपने देखा होगा पहले share market के अंदर कोई Investment करते थे तो बड़े बड़े Share certificate आते थे, उसको संभालना पड़ता था, घर में कोई ध्यान रखता था कि देखो share लिए थे तो क्या हुआ कोई दाम बढ़ा, कम हुआ? आज हिन्दुस्तान किस प्रकार से बदल को स्वीकार कर चुका है, करोड़ों करोड़ों लोग Stock Market से De mat Account से अपना पूरा कारोबार Online करते हैं, मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लोग उसमें अपना Investment करते हैं, और वे कोई कागज का टुकड़ा नहीं, अरबों-खरबों रुपयों का कारोबार चल रहा है, लेकिन इस देश के अंदर; शायद हो सकता है आज मैंने कहा तो कुछ लोग जाग जाएंगे, खोजने के लिए जाएंगे कि मोदी जो कह रहा था सच है कि गलत है।
- भाइयो, बहनों, आज कोई धोबी सोच सकता है क्या कि वो बैंक से लोन ले सकता है? कोई छोटा सा हज्जाम की दुकान चलाने वाला बाल काटने वाला व्यक्ति, वो सोच सकता है कि मुझे बैंक से लोन मिल सकता है? कोई अखबार की पस्ती इकट्ठी करने वाला या अखबार बेचने वाला सोच सकता है? वो कल्पना ही नहीं कर सकता कि बैंक में मैं जाऊंगा, पैसे मिल सकते हैं। सोच ही नहीं सकता, क्योंकि हमने हालत ऐसे बनाकर रख दिए हैं।
- भाइयो, बहनों आज से तीन साल पहले के अखबार उठा लीजिए, पुराने अगर You tube पर जाएंगे, जो पुराने TV News के Clipping पड़े हों जो वो देख लीजिए, क्या आता है, कितना गया, कोयले में कितना गया, 2 G में कितना गया, हैं खबर यही रहती थी कितना गया। आज लोग देखें यार आज कितना आया। देखिए वक्त-वक्त की बात है। यही देश, यही लोग, यही कानून, यही सरकार, यही फाइलें, यही नियम; वो भी एक वक्त था जब गए की चर्चा होती थी, ये भी एक वक्त है आने की चर्चा हो रही है; लोग हिसाब लगा रहे हैं Monday को इतना आया Tuesday को कितना आया।
- किसान मेहनत करके, किसान मेहनत करके अनाज का ढेर करे, दो चुहियां आ जाएं साहब, सब खत्म कर जाती हैं। तो जिस नेताजी ने जो कहा मैं उनका धन्यवाद करता हूं कि कम से कम सच तो बोले, ये चुहियां पकड़ने का ही काम है जो देश का, गरीब का धन खा जाते थे; वो चुहियां पकड़ने का ही काम है वो चल रहा है और तेज गति से चल रहा है।
- भाइयो, बहनों, मैं इस समय Media के मित्रों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं। आपको मालूम होगा जो चीज Media के लोग ठान लें तो उसका एक असर पैदा होता है। जब लोग लाल लाइट वाली गाडि़यों में घूमने के शौकीन हुआ करते थे तो Media वाले पीछे पड़ गए। कैमरा ले गए, अच्छा ये लाल लाइट लगा के बैठा है। धीरे-धीरे जिसको लाल लाइट का हक था ना वो भी डरने लगा यार छोड़ो। बहुत लोग थे सरकार कहे, कानून कहे Seat belt लगाओ, Seat Belt लगाओ, कोई नहीं लगाता था। Media वाले पीछे पड़ गए, कोई कार में बैठा है बड़ा आदमी; तो तुरंत निकालते थे, इसने Seat Belt नहीं लगाया, फिर दूसरे दिन टीवी पर दिखाते थे, तो उसकी मुंडी इतनी हो जाती थी। वो Seat belt का awareness आया।
- भाइयो, बहनों! मैं साफ मत का हूं। हमारा देश ऐसे ही सोने की चिडि़या नहीं था। हमारा देश ऐसे ही सोने की चिडि़या में से गरीब नहीं बना है। हमारी अपनी कमियों के कारण, अपनी गलतियों के कारण, अपने गलत आचरण के कारण सोने की चिडि़या कहा जाने वाला देश गरीब देश की गिनती में आकर खड़ा हो गया।
- लेकिन इसका मतलब ये है कि आज भी इस देश में फिर एक बार सोने की चिडि़या बनने का Potential पड़ा हुआ है। इस सपने के साथ, इस विश्वास के साथ क्यों न हम, क्यों न हम देश के गरीबों को उनका हक दिलाएं, मध्यमवर्गीय लोगों का जो शोषण हो रहा है उसको रोकें। ईमानदारी के रास्ते पर देश चलना चाहता है, उसको हम बल दें।
- ये देश जो कभी 9 सिलेंडर और 12 सिलेंडर पर 2014 के चुनाव का Agenda लेकर चल रहा था, एक पार्टी इस बात के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही थी कि 9 सिलेंडर देंगे कि 12 सिलेंडर देंगे। जिस देश में पूरा चुनाव सिलेंडर की संख्या पर लड़ा गया हो, इस देश के अंदर एक सरकार आ करके लोगों को ये कहे कि Subsidy छोड़ दो, कितना बड़ा Contrast! हम आपको 12 सिलेंडर दे दो वोट दे दो, ये दूसरा ऐसा आया वो कहता है सिलेंडर की Subsidy छोड़ दो!
- मैं फिर एक बार फिर उस ईनाम को प्राप्त करने वालों को बधाई देता हूं, मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि 2017 के पहली जनवरी को आप कम से कम एक जनवरी से शुरू करिए, अगर आपके पास Mobile Phone है, Smart Phone है, कम से कम पांच लेनदेन तो करिए। हर हिन्दुस्तानी एक बार पांच लेनदेन करना देखें तो फिर उसको आदत हो जाएगी और देश Digital Moment को Lead कर जाएगा।
Post Views: 1,354