Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

Salient Points of PM Modi’s speech at the birth centenary celebrations of NanajiDeshmukh at IARI on 11 Oct, 2017

आज लोकनायक जयप्रकाश जी की जन्‍म जंयती का अवसर है और आज ही के दिन लोकनायक जयप्रकाश के
निकटस्‍थ साथी श्रीमान नानाजी देशमुख की जन्‍म जयंती शताब्‍दी का भी अवसर है।

इन दोनों महापुरूषों ने अपने जीवनकाल में एक ऐसे संकल्‍प का परिचय कराया और जिस संकल्‍प के लिए उन्‍होंने
स्‍वयं को झोंक दिया और सिद्धि प्राप्‍त करने तक वे जीवन का पल-पल मातृभूमि के लिए देशवासियों के कल्‍याण के
लिए अपने संकल्‍प को साकार करने के लिए वे जीवन भर जुटे रहे।

नाना जी देशमुख, देश उनको ज्‍यादा जानता नहीं था। देश के लिए उन्‍होंने अपना जीवन दे दिया था, लेकिन जब
जयप्रकाश जी भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जंग लड़ रहे थे, आपातकाल के पूर्व फिर एक बार जयप्रकाश जी देश में पनप रहे
भ्रष्‍टाचार, उच्‍च पदों पर पले-बढ़े भ्रष्‍टाचार उसके खिलाफ दुखी हो करके विद्यार्थी आंदोलन के साथ जुड़ गए थे।

गुजरात के नौजवान आंदोलन से प्रेरणा ले करके जयप्रकाश जी एक बार फिर मैदान में आ गए और जयप्रकाश जी के
आने के बाद दिल्‍ली की सल्‍तनत में खलबली मच गई।

आज मुझे खुशी है कि नानाजी के जन्‍मशती के अवसर पर भारत सरकार इन महापुरूषों के सपनों के आधार पर और
महात्‍मा गांधी ने जो रास्‍ता दिखाया उस रास्‍ते पर ग्रामीण विकास की दिशा में हम कैसे आगे बढ़ें हमारे गांव
आत्‍मनिर्भर कैसे बने, हमारे गांव गरीबी से मुक्‍त कैसे बने, हमारे गांव बीमारी से मुक्‍त कैसे बने, हमारे गांव जिसमें
आज भी जातिवाद का जहर गांव को बिखेर देता है, गांव के सपनों को चूर-चूर कर देता है, उस जातिवादी भावनाओं
से ऊपर उठ करके गांव एक समृद्ध गांव बने, सबको जोड़ने वाला गांव बने और सब मिल करके गांव के कल्‍याण के
लिए संकल्‍प करे।

उस प्रकार के गांव के विकास को जन भागीदारी से आगे बढ़ाने की दिशा में भारत सरकार अनेक कदम उठा रही है।

आज मुझे यहां पर देश के ग्रामीण जीवन के लिए सोचने वाले, ग्रामीण जीवन के लिए योगदान देने वाले, ग्रामीण
अर्थकारण का, ग्रमीण कृषि जीवन का ऐसे भिन्‍न-भिन्‍न विषयों पर जिनकी महारथ है, ऐसे देश के तीन सौ से
ज्‍यादा लोग कल पूरा दिन बैठे, अलग-अलग गुटों में बैठे, आधुनिक संदर्भ में गांव का विकास कैसे हो, उसका विचार-
विमर्श किया और पूरा दिनभर इन अनुभवी लोगों ने जो मंथन किया है।

अगर इंटरनेट… आज कभी-कभी गांव में टीचर रहने को तैयार नहीं, डॉक्‍टर रात में चला जाना चाहता है, लेकिन
जो सुविधाएं शहर में है, वैसी अगर हम सुविधाएं… अगर नल से पानी आता है, optical fibre network है,
इंटरनेट से जुड़ा हुआ है, चौबीसों घंटे बिजली है, चूल्‍हा जलाने के लिए गैस उपलब्‍ध है।

नानाजी और जयप्रकाश जी लोगों ने जिन विचारों को ले करके जिया था इन्‍हीं आदर्श धारा को लेते हुए हम लोगों
का भी यह प्रयास है कि हम ग्रामीण जीवन में बदलाव लाने के लिए महत्‍वपूर्ण दिशा में आगे बढ़े।
जिन-जिन राज्‍यों में Good Governance हैं, सरकारी मशनरी निर्धारित समय में टारगेटेड काम को पूरा करने
की आदी हैं तो वहां पर बदलाव नजर आता है।

आज जो DISHA नाम का जो डिजिटल डेशबोर्ड आपके सामने प्रस्‍तुत किया गया वो एक प्रकार से Good
Governance की दिशा का एक अहम कदम है। जिसके कारण सेंट्रली हर चीज को मॉनिटर किया जा सके, समय-
सीमा में review किया जाए, अगर उसमें कमियां है तो उसको correct करने के लिए measure लिए जाए, और
policy problem है तो policy correct किया जाए, अगर person problem है तो person को correct किया
जाए, लेकिन DISHA इस प्रकार के डेशबोर्ड के कारण एक तो इसके मॉनीटरी की पूरी व्‍यवस्‍था हिंदुस्‍तान के सभी
गांव के साथ जुड़ेगी।

ढाई लाख से अधिक गांव Open Defecation Free होने के लिए आगे आए। उन्‍होंने करके दिखाया। मैं उन गांवों
को हृदय से बधाई देता हूं, उन्‍होंने मां-बहनों की इज्‍जत के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। और मां-बहनों की
इज्‍जत करने वाला गावं मेरे लिए पुण्‍य गांव होता है। मैं उसको नमन करता हूं, उन गांव वासियों को नमन करता
हूं कि जिन्‍होंने इस महत्‍वपूर्ण काम को किया है।

स्‍वच्‍छता आज गांव का स्‍वभाव बन रहा है। गांव भी जिम्‍मेदारी को लेने लगा है। हमारे कई गांव आजादी के 70
साल बाद भी, 18 हजार गांव ऐसे, जो आज भी 18वीं शताब्‍दी में जीते हैं।