आज ICSI अपने 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस अवसर पर मैं इस संस्था से जुड़े सभी लोगों को बहुत-
बहुत बधाई देता हूं।
आज मुझे बहुत खुशी है कि मैं ऐसे विद्वानों के बीच आया हूं जो इस बात के लिए जिम्मेदार हैं कि देश में
मौजूद प्रत्येक कंपनी –कानून का पालन करे, अपने बही-खातों में गड़बड़ी ना करे, पूरी पारदर्शिता रखे।
आप अपनी जिम्मेदारी जिस तरह से निभाते हैं, उसी से देश का corporate culture तय होता है।
आपकी संस्था का motto भी है- “सत्यम वद्, धर्मम चर्” यानि सत्य बोलो और नियम-कानून का पालन
करो।
साथियों, कई बार ऐसा भी होता है, जब शिक्षा एक दी गई हो, लेकिन उसे ग्रहण करने वालों का आचरण
भिन्न रहता है।
जैसे एक ही शिक्षा युद्धिष्ठिर ने भी ली थी, दुर्योधन ने भी ली थी। लेकिन बर्ताव दोनों का बिल्कुल अलग
रहा।
महाभारत में दुर्योध्न ने कहा है- जानामि धर्मम न च मे प्रवॄत्ति: जानामि अधर्मम न च मे निवॄत्ति: यानि
“ऐसा नहीं है की मैं धर्म और अधर्म के बारे में नहीं जानता था।
लेकिन धर्म के मार्ग पर चलना मेरी प्रवृत्ति नहीं बन पाई और अधर्म के मार्ग से मैं निवॄत्त नहीं हो सका”।
ऐसे ही लोगों को आपका संस्थान “सत्यम वद्, धर्मम चर्” का पाठ याद दिलाता है।
ये बात सही है कि पिछले तीन वर्षों में 7.5 प्रतिशत की औसत ग्रोथ हासिल करने के बाद इस वर्ष अप्रैल-जून की
तिमाही में GDP ग्रोथ में कमी दर्ज की गई। लेकिन ये बात भी उतनी ही सही है कि सरकार इस ट्रेंड को रिवर्स करने
के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं
हमने reform से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और ये प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। देश की financial
stability को भी maintain रखा जाएगा। निवेश बढ़ाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए हम हर आवश्यक
कदम उठाते रहेंगे
मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार द्वारा लिए गए कदम देश को आने वाले वर्षों में विकास की एक नई league
में रखने वाले हैं
बदलती हुई देश की इस अर्थव्यवस्था में अब ईमानदारी को प्रीमियम मिलेगा, ईमानदारों के हितों की सुरक्षा की
जाएगी
पिछली सरकार ने अपने आखिरी के तीन सालों में Renewable Energy पर 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे।
हमारी सरकार ने अपने तीन साल में इस सेक्टर पर 10 हजार 600 करोड़ रुपए से भी अधिक खर्च किए हैं
हमने affordable Housing के क्षेत्र में ऐसे-ऐसे नीतिगत निर्णय लिए हैं, वित्तीय सुधार किए हैं, जो इस क्षेत्र के
लिए अभूतपूर्व हैं
पिछले तीन वर्षों में 21 सेक्टरों से जुड़े 87 छोटे-बड़े Reform किए गए हैं। Defence सेक्टर, Construction
सेक्टर, Financial Services, Food Processing, जैसे कितने ही सेक्टरों में निवेश के नियमों में बड़े बदलाव हुए
हैं
देश के आर्थिक क्षेत्र को खोलने के बाद से लेकर अब तक जितना विदेशी निवेश भारत में हुआ है, उसकी तुलना अगर
पिछले तीन वर्षों में हुए निवेश से करें, तो आपको पता चलेगा कि हमारी सरकार जो Reform कर रही है, उसका
नतीजा क्या मिल रहा है
मेहनत से कमाए गए आपके एक एक पैसे की कीमत ये सरकार समझती है। इसलिए सरकार की नीतियों और
योजनाओं में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि वो गरीबों और मध्यम वर्ग की जिंदगी तो आसान बनाएं हीं,
उनके पैसों की भी बचत कराएं
मैं जानता हूं कि रेवड़ी बांटने के बजाय, लोगों और देश को Empower करने के काम में, कई बार मुझे आलोचना का
भी सामना करना पड़ेगा, लेकिन मैं अपने वर्तमान की चिंता में, देश के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकता