कुछ योजनाएं Idea तक सीमित रहती होंगी, कुछ योजनाएं कागज पर जाती होंगी, कुछ योजनाएं फाइल के आगे निकलती होगी और फिर समय उसी में बीत जाता होगा।
हकीकत में अगर हम last mile delivery करते हैं execution करते हैं तब योजनाओं का लाभ है। अब आपको मालूम है कि देश ने बैंकों का राष्ट्रीकरण किया था। जब आप लोग पैदा भी नहीं हुए थे तब हुआ था।
और इसलिए किया गया था कि बैंकों में गरीबों का हक मिलना चाहिए। उस समय हमारे देश में फैशन थी गरीबों के नाम पर …..खेल खेलने की। अब बैंकों का राष्ट्रीकरण होकर के 40-45 साल हो गए हैं।
लेकिन देश के गरीबों का बैंक अकाउंट खुला नहीं। अब कोई बैंक ने बैंक अकाउंट खोला नहीं है ये तो कहा नहीं था लेकिन last mile delivery पर ये किसी ने ध्यान नहीं दिया। हमनें ध्यान दिया और देश के हर व्यक्ति का बैंक खाता होना चाहिए.. ये हमनें तय किया।
अब शुरू में हमारी जो बैंक वालों से थोड़ी परेशानी भी रही, हमनें ये कहा कि zero amount से बैंक खाता खुला है अब कोई बैंक वाला क्यों शुरू होगा भई…. zero amount से, कठिन काम होता है ये करना पड़ता है। और zero balance से बैंक अकाउंट खोले गए और आप देखिए हमारे देश के गरीबों की अमीरी देखिए… अमीरों की गरीबी तो बहुत देखी है।
लोग भाग जाते हैं और गरीबों की अमीरी देखिए… zero balance से बैंक अकाउंट खोलना था लेकिन इन गरीब परिवारों ने बैंक के अकाउंट का उपयोग करते हुए सेविंग की दिशा में गए और आज करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपया उन्होंने सेविंग किया है बैंक अकाउंट में।
ये गरीबों की अमीरी है और देश गरीबों की अमीरी से ही आगे बढ़ने वाला है।