दुनिया में एक अच्छी बात हम महसूस करते हैं जो भी लोग विश्व में इन चीजों में रूचि रखते हैं। वहां पर एक जनभागीदारी और जनसहयोग इन क्षेत्रों में बहुत होता है।
आप दुनिया में किसी भी monument में जाइए। रिटायर्ड लोग सेवा भाव से यूनिफॉर्म पहन कर वहां आते हैं, गाइड के रूप में काम करते हैं, ले जाते हैं, दिखाते हैं, संभालते हैं, समाज उठाता है ये जिम्मेवारी, हमारे देश में अब ये स्वभाव बनाना है हमनें जो सीनियर सिटिजनस हैं उनकी ऐसी क्लब बना करके इस चीज को हम कैसे percolate करें।
समाज की भागीदारी से हमारी इस धरोहर को बचाने का काम अच्छा होगा बनिस्बत कि सरकार का कोई मुलाजिम खड़ा हो जाए और होगा। तरीका वही होता है, कोई कितना ही बढि़या चौकीदार होगा बगीचे को नहीं संभाल सकता। लेकिन वहां आने वाले नागरिक तय करें कि इस बगीचे का एक पौधा भी टूटने नहीं देना है।
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