Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

Salient Points of PM’s speech at the inauguration of multiple development initiatives in Mumbai

साथियो, इसरो और उसके साथ काम करने वाले लोग, ये तीसरी प्रवृत्ति वाले लोग हैं। जब तक लक्ष्‍य प्राप्‍त नहीं हो जाता, वो न रुकते हैं, न थकते हैं, न बैठते हैं। अब मिशन चंद्रयान में एक रुकावट आज हमने देखी है, लेकिन इसरो के वैज्ञानिक तब तक नहीं रुकेंगे जब तक मं‍जिल पर नहीं पहुँच जाते हैं। चाँद पर पहुँचने का सपना पूरा हो करके रहेगा।

और सा‍थियो, हमें ये भी याद रखना है कि चंद्रयान के साथ भेजा गयाorbiter अभी वहीं है, चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है, ये भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मैंने मुम्‍बई के लोगों की spirit के बारे में बहुत सुना है, देखा है, अनुभव किया है। आज इसरो के लोगों की spiritदेखी और समझी तो मुझे जरूरी लगा कि आपसे भी उन बातों को जरा शेयर करूँ।

भाइयो और बहनों, अपने संकल्‍पों के लिए निरन्‍तर प्रयास, गणेशोत्‍सव की उमंग और इसी माहौल में आज महाराष्‍ट्र में हजारों करोड़रुपये की योजनाओं का श्रीगणेश हो रहा है, शुभारंभ हो रहा है।

मुम्‍बई के बाद मेरा औरंगाबाद जाने का भी कार्यक्रम है।

वहाँ भी अनेक परियोजनाओं की शुरूआत होगी। मैं विशेषकर मुम्‍बई और उसके Suburban इलाकों में रहने वाले लोगों को ब‍हुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। 20 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का काम आज यहाँ शुरू हो रहा है। नई मेट्रो लाइन हो, मेट्रो भवन हो, मेट्रो स्‍टेशन में सुविधा का विस्‍तार हो, बांद्रा-कुर्ला कॉम्‍पलेक्‍स को Eastern express highway से जोड़ने का प्रोजेक्‍ट हो; ये सभी परियोजनाएँ मुम्‍बई के Infrastructure को नया आयाम तो देंगी ही, यहाँ के लोगों के जीवन को आसान बनाने में भी मदद करेंगी।

बांद्रा-कुर्ला को express highway से जोड़ने वाला प्रोजेक्‍ट तो लाखों professionals के लिए बहुत बड़ी राहत ले करके आएगा।

बीकेसी तो business activity का बहुत बड़ा सेंटर है। अब यहाँ आना जाना और आसान होगा, कम समय में हो पाएगा और अब तो मिनटो में मुम्‍बई। हर कोई आवाज करता है- मिनटो में मुम्‍बई। इन सारी परियोजनाओं के लिए मैं आप सभी को, हर मुम्‍बईकर को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियो, मुम्‍बई वो शहर है, जिसकी गति ने देश को भी गति दी है।

यहाँ के परिश्रमी लोग, यहां के professionals, यहाँ की माताएँ, बहनें, युवा, आप सभी लोग इस शहर से प्‍यार करते हैं, गर्व से कहते हैं मी मुम्‍बईकर। बीते पाँच वर्षों में आमची मुम्‍बई के Infrastructure को सुधारने के लिए हमने बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है। यहाँ फडणवीसजी की सरकार ने मुम्‍बई और महाराष्‍ट्र के एक-एक प्रोजेक्‍ट के लिए कितनी मेहनत की है, ये मैं भली-भांति जानता हूँ।

आज इन्‍हीं सब प्रयासों का ये असर है कि मुम्‍बई में धीरे-धीरे बदलाव आने की शुरूआत हुई है। और मैं इसमें सबसे सकारात्‍मक पक्ष ये देखता हूँ कि वर्तमान के साथ ही भविष्‍य की जरूरतों, आने वाले दशकों की आवश्‍यकताओं के हिसाब से अभी से काम किया जा रहा है।

भाइयो और बहनों, आज जब देश 5 trillion dollar economy के लक्ष्‍य की तरफ बढ़ रहा है, तब हमें अपने शहरों को भी 21वीं सदी की दुनिया के मुताबिक बनाना ही होगा। Mobility हो, connectivity हो, productivity हो, sustainability हो या फिर safety, हर लिहाज से एक बेहतर व्‍यवस्‍था हमें तैयार करनी है।

इसी सोच के साथ हमारी सरकार अगले पाँच साल में आधुनिक Infrastructure पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इस राशि का बहुत बड़ा लाभ मुम्‍बई के साथ-साथ पूरे महाराष्‍ट्र के तमाम शहरों को भी होने वाला है।

साथियो, देशभर में शहरों में mobility को, transport को बेहतर बनाने के लिए हम एक integrated system पर बल दे रहे हैं। रोड़ हो, रेल हो, मेट्रो हो; ऐसे हर माध्‍यम को एक-दूसरे से connect किया जा रहा है।

आज यहां Mumbai metropolitan region, उसमें बेहतर public transport system तैयार करने के लिए भी एक vision document release किया गया है। इसमें आने-जाने के अलग-अलग माध्‍यमों, जैसे- मुम्‍बई लोकल हो, बसों का सिस्‍टम हो, या फिर मेट्रो। इनका कैसे सही उपयोग हो सके, इसका विस्‍तार से ब्‍यौरा दिया गया है। खासतौर पर मुम्‍बई मेट्रो के लिए मास्‍टर प्‍लान इसमें बनाया गया है।

भाइयो और बहनों, बीते पाँच वर्षों से मुझे मुम्‍बई मेट्रो के विस्‍तरीकरण से निरंतर जुड़ने का मौका मिलता रहा है। करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो नेटवर्क का विस्‍तार यहाँ किया जा रहा है। अभी मुम्‍बई में सिर्फ 11 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क है। लेकिन 1920, 1923, 1924 तक ये बढ़कर सवा तीन सौ किलोमीटर से अधिक हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि आज जितने लोग मुम्‍बई में लोकल ट्रेन से रोज सफर करते हैं, लगभग उतनी ही capacity मेट्रो की भी हो जाएगी। लोकल को आधुनिक बनाने के साथ ही मेट्रो के विस्‍तार का ये combination मुम्‍बई की वर्तमान जरूरतें पूरी करने के साथ ही आन वाले वर्षों के लिए भी तैयार करेगा।

साथियो, हम सिर्फ मेट्रो लाइन ही नहीं, सिर्फ उसे ही बिछा रहे हैं ऐसा नहीं, बल्कि इन लाइनों पर जो मेट्रो दौड़ेगी, उसके कोच भी भारत में ही बन रहे हैं। थोड़ी देर पहले ही मैंने मोकप कोच को देखा है।Make In India के तहत बनने वाले ये आधुनिक मेट्रो कोच मुम्‍बई मेट्रो को सुरक्षित और सुविधाजनक और किफायती बनाने वाले हैं।

भाइयो और बहनों, infrastructure का जितना रिश्‍ता इकोनॉमी से है, ease of living से है, उतना ही employment से भी है। Infra पर निवेश का मतलब है उतना ही रोजगार के नए अवसर बनना। अगर मैं सिर्फ मुम्‍बई में शुरू हुए मेट्रो के कार्यों की बात करूँ तो इससे 10 हजार इंजीनियर और 40 हजार skilled और unskilled लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे।

भाइयो और बहनों, infrastructure का जो काम गांवों में हो रहा है, शहरों में हो रहा है, वो स्‍थानीय स्‍तर पर जिस तरह से employment पैदा करता है, छोटे-छोटे व्‍यापारियों के लिए बिजनेस के मौके बनाता है, उसकी बहुत चर्चा लोग करते नहीं हैं। संभवत: इसकी एक वजह ये भी रही है कि आज जिस speed और scale पर काम हो रहा है, वो पहले कभी हुआ ही नहीं।

इसलिए इस ओर लोगों का ध्‍यान भी कम होना बहुत स्‍वाभाविक है। अब जब स्थितियाँ बदल रही हैं तो ये विषय भी अब चर्चा में आना शुरू होगा। सोचिए, क्‍या कोई पहले सोच भी सकता था कि वर्षों से अटका हुआ नवी-मुम्‍बई एयरपोर्ट का काम, मुम्‍बई ट्रांस हार्बर लिंक का काम, मुम्‍बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का काम इतने व्‍यापक रूप से शुरू होगा? इतनी तेज गति से आगे बढ़ेगा? ये सारे प्रोजेक्‍ट मुम्‍बई और आसपास के लोगों के रोजगार के आने को नए अवसर दे रहे हैं।

भाइयो और बहनों, जब मैं speed और scale की बात करता हूँ तो मेरे पास इतने उदाहरण होते हैं कि उन्‍हें गिनाते-गिनाते शायद शाम हो जाए। आज यहाँ मेट्रो के बड़े प्रोजेक्‍ट शुरू हुए हैं तो मैं उसी का उदाहरण आपको देना चाहता हूँ।

 

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