Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

Salient Points of PM’s speech at a public meeting in Valsad, Gujarat on 23 Aug, 2018 :

दो-तीन दिन के बाद रक्षाबंधन का पवित्र त्‍योहार और आप सब बहनें इतनी बड़ी रक्षा की राखी ले करके आए हैं, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। और देशभर की माताओं-बहनों ने आशीर्वाद दे करके जो मुझे रक्षा कवच दिया हुआ है, आशीर्वाद दिए हुए हैं, इसके लिए मैं इन सभी माताओं-बहनों का हृदय से आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

रक्षाबंधन का पर्व सामने हो और गुजरात में एक लाख से भी अधिक परिवारों को, बहनों को उनके नाम से अपना घर मिले, मैं समझता हूं रक्षाबंधन का इससे बड़ा कोई उपहार नहीं हो सकता।

जिन बहनों को आज घर मिला है; घर न होना, उसकी पीड़ा क्‍या होती है, जिंदगी कैसे गुजरती है, भविष्‍य कैसा अंधकारमय होता है; हर सुबह एक सपना ले करके उठते हैं, शाम होते-होते सपना मुरझा जाता है, वही झुग्‍गी-झोंपड़ी की जिंदगी होती है।

लेकिन जब अपना घर होता है तो सपने भी सजने लगते हैं और फिर सपने भी अपने बन जाते हैं। और इन सपनों को पूरा करने के लिए पूरा परिवार; अबाल, वृद्ध सब परिश्रम करता है, पुरुषार्थ करता है और जिंदगी बदलनी शुरू हो जाती है।

इस रक्षाबंधन के पवित्र त्‍योहार के पूर्व इन सभी माताओं-बहनों को, एक लाख से भी अधिक परिवारों को, ये घर की सौगात दे करके आपके भाई के रूप में मैं बहुत संतोष अनुभव कर रहा हूं।

पहले भी सरकारें रहीं। आदिवासी मुख्‍यमंत्री भी रहे। और जब मैं नया-नया मुख्‍यमंत्री बना था तो मुझे पहले जो आदिवासी मुख्‍यमंत्री रहे थे, उनके गांव में जब मैं गया, पानी की टंकी थी लेकिन पानी नहीं था। उस गांव को पानी देने का काम भी सौभाग्‍य मुझे मिला था।

अगर कोई पानी की परत बना देता है, राहगीर के लिए अगर एक-दो मटके रख देता है और पानी की बरता करता है तो भी सालों तक उस परिवार को बड़े आदर और गर्व के साथ देखा जाता है।

आज भी लाखा बलधारा की कथाएं जिसने पानी के लिए काम किया, गुजरात और राजस्‍थान में गांव-गांव की जुबान पर है। क्‍यों, किसी ने पानी के लिए काम किया था। आज मुझे गर्व है कि गुजरात सरकार घर-घर नल से जल पहुंचाने के लिए जो अभियान चला रही है वो अपने-आप में।

हमारा गुजरात आगे चल करके कैसा हो। गरीब से गरीब की जिंदगी कैसी हो, कैसे हमारे सपने हैं; उन सपनों को साकार करने के लिए हमारे प्रयास क्‍या हैं, ये नजर आता है।

आप सबने देखा होगा मुझे आज एक प्रकार से आधे-पौने घंटे में पूरे गुजरात की सैर करने का मौका मिला गया। हर जिले में गया, वहां की माताओं-बहनों से बात करने का मौका मिला। मैं बात तो सुनता था लेकिन मेरी नजर उनके घर पर थी, कैसा घर बना है। आपने भी देखा होगा कि आपको भी लगता होगा कि क्‍या प्रधानमंत्री आवास योजना, सरकारी योजना के इतने अच्‍छे मकान भी हो सकते हैं क्‍या? ये इसलिए संभव होता है क्‍योंकि cut की कम्‍पनी बंद है।