I am delighted to interact with farmers from over 600 districts of India
We are working towards ensuring that the incomes of our hardworking farmers doubles by 2022. For that we are facilitating proper assistance wherever required. We have faith in the farmers of India
मुख्य रूप से चार मूल बिन्दुओं पर बल दिया जा रहा है।
पहला, कच्चे माल की लागत कम से कम हो,
दूसरा, उपज का उचित मूल्य मिले,
तीसरा, उपज की बर्बादी रुके,
और चौथा, आदमनी के वैकल्पिक स्रोत तैयार हों
आज देश में न सिर्फ अनाज का, बल्कि फल-सब्जियों और दूध का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है
वर्ष 2017-18 में खाद्यान उत्पादन 280 मिलियन टन से अधिक हुआ है जबकि 2010 से 2014 का औसत उत्पादन 250 मिलियन टन था।
इसी तरह दलहन के क्षेत्र में भी औसत उत्पादन में 10.5% एवं बागवानी के क्षेत्र में 15% की वृद्धि दर्ज हुई है
Blue Revolution या नीली क्रांति के अंतर्गत मछली पालन के क्षेत्र में 26% वृद्धि हुई तो दूसरी और पशुपालन व दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में करीब 24% की वृद्धि हुई है