मंत्रिमंडल की मेरी सहयोगी, देश की प्रथम महिला जो रक्षा मंत्रालय को संभालती हैं। श्रीमती निर्मला सीतारमण जी, डॉ. सुभाष भामरे जी, तीनों सेनाओं के उच्च पदाधिकारीगण NCC के महानिदेशक, विदेशों से आए हुए हमारे मेहमान और NCC की महान परंपरा का हिस्सा आप सब मेरे युवा साथी।
National Cadets Corps के गणतंत्र दिवस शिविर में एक बार फिर आपके बीच आना हर बार की तरह आनंदित कर रहा है। जब भी मैं आपके साथ बातचीत करने के लिए आता हूं तो अतीत की अनेक यादें मन मस्तिष्क में उभर आती हैं।
जोश और अनुशासन ये जो दिन आप जी रहे हैं, मुझे भी इन क्षणों को जीने का अवसर मिला है। एक Cadet के तौर पर बिताए वो दिन आज तक मेरे संकल्प को, मेरी प्रेरणा को ऊर्जा दे रहे हैं।
साथियों, इस कैंप का अपने आप एक गौरवशाली अतीत भी है और भविष्य को लेकर इसका बहुत बड़ा महत्व भी है। इस कैंप का हिस्सा बने आप सभी केडिटस को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। पिछले वर्ष जब मैं आपके बीच आया था तो मैंने आपसे कुछ आग्रह किया था। देश और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों में सक्रिय योगदान के लिए आपसे अपील की थी।
मुझे खुशी है कि बीते वर्ष NCC के Cadets ने अनेक महत्वपूर्ण कदमों के साथ खुद को जोड़ा। स्वच्छ भारत अभियान हो, digital transaction हो, बेटी बचाओ – बेटी अभियान हो, पर्यावरण से जुड़े मुद्दे हो। जन-जागरण के अनेक ऐसे मुद्दों को लेकर आपके प्रयास प्रशंसनीय हैं।
विशेष तौर पर केरल में भीषण बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्यों में NCC के केडिटस का योगदान बहुत सराहनीय है।
सहयोग और समर्पण का ये पाठ आपने यहां सीखा है उसको आपने केरल में मुश्किल में फसे स्वजनों को राहत देने में अमल में लाया। मुझे विश्वास है कि आप इसी प्रकार अपने दायित्वों को निभाते रहेंगे।
साथियों, दो दिन पहले ही हमारे गणतंत्र ने 70वें वर्ष में कदम रखा है।
पहले राजपथ पर और आज यहां पर आपके चेहरे की चमक और आपके अनुशासन की झलकियां नजर आईं और उन झलकियों में मुझे नए भारत का कदम ताल दिखता है। पूरे आत्मविश्वास के साथ सीना चौड़ा किए, मस्तिष्क को ऊंचा रखे, राष्ट्र के गौरव के लिए तत्पर ये असीम ऊर्जा उत्साह देने वाले होते हैं।
आपका ये जोश, आपका ये उत्साह ही है जिसके कारण भारत आज नए आत्मविश्वास से भरा है। आज दुनिया कह रही है कि भारत न सिर्फ संभावनाओं से भरा हुआ देश है बल्कि उनको साकार भी कर रहा है।
साथियों, देश की अर्थव्यवस्था हो या फिर दुश्मन से निपटने का हमारा सामर्थ्य, हर स्तर पर हमारी क्षमताओं का विस्तार हुआ है। हमारी सेना ने ये स्पष्ट संदेश दिया है कि हम छेड़ते नहीं हैं लेकिन किसी ने अगर छेड़ा तो हम उसे छोड़ते भी नहीं हैं। हम शांति के प्रबल समर्थक हैं।
लेकिन राष्ट्र रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने में हम चूकेगें नहीं। यही कारण है कि बीते साढ़े चार वर्षों में देश की रक्षा और सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।