इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से देश के हर गरीब तक,
देश के कोने-कोने तक,
दूर-दराज़ के पहाड़ों पर बसे लोगों तक,
घने जंगलों के बीच रह रहे आदिवासियों तक,
एक-एक भारतीय के दरवाज़े पर बैंक और बैंकिंग सुविधा का मार्ग खुल रहा है
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक देश के अर्थतंत्र में, सामाजिक व्यवस्था में, एक बड़ा परिवर्तन करने जा रहा है।
हमारी सरकार ने पहले जनधन के माध्यम से करोड़ों गरीब परिवारों को पहली बार बैंक पहुंचाया और आज से बैंक को ही गांव और गरीब के दरवाज़े पर पहुंचाने का काम शुरु हो गया है
आज भी मुझे सैकड़ों की संख्या में चिट्ठियां मिलती हैं।
मन की बात के लिए ही हर महीने हजारों पत्र आते हैं।
ये पत्र लोगों के साथ मेरा सीधा संवाद स्थापित करते हैं। जब वो चिट्ठियां पढ़ता हूं तो लगता है कि लिखने वाला सामने ही है, अपनी बात सीधे मुझसे कह रहा है
हमारी सरकार पुरानी व्यवस्थाओं को Reform करके, उन्हें Transform करने का काम कर रही है
लेटर की जगह अब भले ई-मेल ने ले ली हो, लेकिन लक्ष्य एक ही है
जिस टेक्नोलॉजी ने पोस्ट ऑफिस को चुनौती दी, उसी टेक्नोलॉजी को आधार बनाकर हम इस चुनौती को अवसर में बदलने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं
भारतीय डाक विभाग के पास डेढ़ लाख डाकघर हैं। 3 लाख से अधिक पोस्टमैन देश के जन-जन से जुड़े हैं
इतने व्यापक नेटवर्क को टेक्नॉलॉजी से जोड़कर 21वीं सदी में सेवा का सबसे शक्तिशाली सिस्टम बनाने का बीड़ा हमने उठाया है
अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन है और बैग में एक डिजिटल डिवाइस
IPPB किसानों के लिए भी एक बड़ी सुविधा सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा जैसी योजनाओं को इससे विशेष बल मिलेगा। पोस्ट पेमेंट बैंक के बाद अब योजनाओं की क्लेम राशि भी घर बैठे ही मिला करेगी।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बेटियों के नाम पर पैसा बचाने की मुहिम को भी गति देंगे
हमारी सरकार देश के बैंकों को गरीब के दरवाजे पर लेकर आ गई है।
वरना चार-पाँच साल पहले तक तो ऐसी स्थिति बना दी गई थी कि बैंकों का अधिकांश पैसा सिर्फ उन्हीं अमीर लोगों के लिए रिजर्व रख दिया गया था, जो एक परिवार विशेष के करीबी थे