भाइयों और बहनों, पहले इस प्रकार केInvestors Summits देश के कुछ ही राज्यों में हुआ करते थे।यहां अनेक ऐसे साथी मौजूद हैं जिन्होंने पहले की स्थितियां देखी हैं।लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं और इसकी एक गवाह यहां हिमाचल में हो रही ये समिट भी है।
अब राज्यों में बिजनेस को आकर्षित करने के लिए, निवेश को आकर्षित करने के लिए एक नई होड़ शुरू हुई है।
साथियों,कुछ दशक पहले हमारे देश में ये हालत थी कि कौन सा राज्य ज्यादा चैरिटी करेगा, कौन ज्यादा Incentive देगा,कोई टैक्स माफ करेगा, कोई बिजलीमाफ करेगा, कोई जमीन सस्ती बेचेगायही स्पर्धा चलती रहती थी।
अनुभव यही कहता है कि इस तरह की स्पर्धा ने वो परिणाम नहीं दिए, जैसे अपेक्षित थे।तब निवेशक भी इस इंतजार में रहते थे कि अब कौन सा राज्य ज्यादा से ज्यादा रियायत देगा, Incentive देगा।इस कारण Investors भी किसी राज्य में निवेश का निर्णय टालते रहते थे।उन्हें भी लगता था कि भाई, 5 परसेंट छूट क्यों लें, हो सकता है आगे 10 परसेंट, या 15 परसेंट की छूट मिल जाए।
लेकिन साथियों,मुझे संतोष है कि पिछले कुछ वर्षों में, इस स्थिति में भी आमूल-चूल परिवर्तन आया है।अब राज्य सरकारें समझने लगी हैं कि रियायतों की स्पर्धा न राज्य का भला करती हैं और न ही उद्योगों का।
साथियों, निवेशक के लिए ये आवश्यक है कि उसे उपयुक्त इको-सिस्टम मिले, इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिले, हर मोड़ पर सरकार के परमिट राज का शिकार न होना पड़े।इन दिनों सरकारें इस इको-सिस्टम को बनाने की स्पर्धा में आगे आ रही हैं, व्यवस्था सरल कर रही हैं, कानूनों में बदलाव कर रही हैं, गैर-जरूरी नियमों को समाप्त कर रही हैं।राज्यों में ये कंपटीशन जितना बढ़ेगा, हमारे उद्योग भी ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर कंपीट करने के लिए सामर्थ्यवान बनेंगे,
दूसरे उद्योगों से मुकाबला करने की उनकी क्षमता बढ़ेगी।इसका लाभ राज्यों को होगा, राज्य के लोगों को होगा, देशवासियों को होगा और हिन्दुस्तान तेज गति से आगे बढ़ेगा।
साथियों, उद्योग जगत भी तो पारदर्शी और साफ-सुथरी व्यवस्था को पसंद करता है।बेवजह के नियम कायदे, सरकार का बहुत ज्यादा दखल कहीं न कहीं उद्योगों के बढ़ने की रफ्तार को रोकता है।
मुझे खुशी है कि इसी सोच के साथ हिमाचल प्रदेश सरकार भी कई नए incentive ले रही है, महत्वपूर्ण निर्णय कर रही है, सही दिशा में सरकार भी काम कर रही है।यहां सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था का निर्माण हो, Land Allotment को ट्रांसपेरेंट किया जाना हो या फिरसेक्टर स्पेसिफिक इंडस्ट्री पॉलिसी का गठन, इन कदमों ने यहां के Friendly Environment को Business Friendly भी बना दिया है।
साथियों, यहां इंडस्ट्री के बड़े-बड़े दिग्गज जुटे हुए हैं। आप सभी, उद्योग जगत के अन्य साथी इसे भी भली-भांति समझते हैं कि जब कंपनी की अलग-अलग यूनिट्स अच्छा रिजल्ट देती हैं तो कंपनी का भी रिजल्ट अपने-आप सुधर जाता है।
इसलिए राज्यों में जब कुछ बेहतर होता है, तो इसका सीधा प्रभाव देश के नतीजों पर पड़ता है।हिमाचल जैसे अनेक राज्यों में हो रहे बदलावों की वजह से ही आज भारत की पहचान, पहले से कहीं बेहतर Business Friendly Destination के तौर पर बनी है।