Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

Salient Points of PM’s address at the Concluding Ceremony of Centenary of Champaran Satyagraha in Motihari, Bihar on 10 Apr, 2018

सौ वर्ष पूर्व चंपारण में देशभर से लोग आए थे, गांधी जी के नेतृत्व में गली-गली जाकर काम किया था।सौ वर्ष बाद आज उसी भावना पर चलते हुए, देश के अलग-अलग हिस्सों के आए लोगों ने, यहां के उत्साही नौजवानों, स्वच्छाग्रहियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है

जो लोग कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता नहीं है, वो यहां आकर देख सकते हैं कि कैसे 100 वर्ष पहले का इतिहास, आज फिर साक्षात, हमारे सामने खड़ा हैचंपारण की इस पवित्र भूमि पर जनआंदोलन की ऐसी ही तस्वीर सौ वर्ष पहले दुनिया ने देखी थी, और आज एक बार फिर देख रही है

चलो चंपारण के नारे के साथ, हजारों स्वच्छाग्रही यहां जुटे हैं। आपके इस उत्साह, इस उमंग, इस ऊर्जा को, राष्ट्र निर्माण के प्रति आपकी आतुरता को, बिहार के लोगों की अभिलाषा को, मैं प्रणाम करता हूं, नमन करता हूं

पिछले सौ वर्ष में भारत की 3 बड़ी कसौटियों के समय बिहार ने देश को रास्ता दिखाया है। जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तो बिहार ने गांधी जी को महात्मा बना दिया, बापू बना दिया

स्वतंत्रता के बाद जब करोड़ों किसानों के सामने भूमिहीनता का संकट आया, तो विनोबा जी ने भूदान आंदोलन शुरू किया। तीसरी बार, जब देश के लोकतंत्र पर संकट आया, तो जयप्रकाश जी उठ खड़े हुए और लोकतंत्र को बचा लिया

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