आप सभी को, पूरे महाराष्ट्र को, पूरे भारत वर्ष को, देश के जन-जन को दशहरे की, विजय दशमी की बहुत-बहुत बधाई
हम सभी का ये प्रयास रहता है कि हर पर्व को अपनों के साथ मनाएं। मेरी भी ये कोशिश रहती है कि हर त्योहार देशवासियों के साथ मनाऊं और इसी भावना के साथ आज आप सभी के बीच उपस्थित हुआ हूं
जिस प्रकार आप सभी दशहरे के पावन अवसर पर भारी संख्या में यहां मुझे आशीर्वाद देने आए हैं, वो अभिभूत करने वाला है। आपका यही अपनत्व, यही प्यार मुझमें निरंतर नई ऊर्जा का संचार करता है, मुझे शक्ति देता है
दशहरे के साथ-साथ हम आज शिरडी की इस पावन भूमि पर, एक और पवित्र अवसर के साक्षी बन रहे हैं। साई बाबा की समाधि के शताब्दी समारोह का भी आज समापन हुआ है। थोड़ी देर पहले ही मैंने साई दरबार के दर्शन किए हैं
शिरडी के कण-कण में साई के मंत्र, उनकी सीख है। जनसेवा, त्याग और तपस्या की जब बात आती है तो शिरडी का उदाहरण दिया जाता है। शिरडी तात्या पाटील की नगरी है। दादा कोते पाटील ,माधवराव देशपांडे, म्हाळसापती जैसे महापुरुष इसी धरती ने दिए हैं
आज यहां 10 मेगावाट की एक सोलर यूनिट की भी शुरुआत की गई है। इससे संस्थान के संसाधन बढेंगे और क्लीन एनर्जी में भागीदारी भी। ये एक ऐसा मॉडल है जिससे देश भर में कई संस्थान लागू कर सकते हैं। यानी सेवा के साथ ही राष्ट्र सेवा भी की जा सकती है
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