प्रयागराज में लगने वाले अर्धकुंभ के लिए तो अभी कुछ महीने बाकी है।लेकिन यूपी की धरती पर एक और कुंभ आज से शुरु हो गया है।यूपी के अलग-अलग गांवों से करीब 50 हज़ार किसान, देश-विदेश से आए वैज्ञानिक, उद्यमी, लखनऊ में इस कृषि कुंभ का हिस्सा बन रहे हैं।
मैं आप सभी का अभिवादन करता हूं, स्वागत करता हूं।और यूपी के सांसद के नाते भी ये मेरा कर्तव्य बनता है कि आप के सुख-दु:ख के साथी बनकर के आपके विकास यात्रा के लिए कुछ न कुछ प्रयास करता रहूं।
साथियों, कुंभ शब्द जब भी किसी आयोजन के साथ जुड़ता है तो उसका महत्व और व्यापक हो जाता है।कुंभ एक तरह से मानवता का, विचार का, विमर्श का एक अनंत अंतर-प्रवाह है।
मुझे विश्वास है कि इसी परंपरा, इसी भावना को ये कृषि कुंभ साकार करेगा और आने वाले तीन दिनों में कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए तकनीक और अन्य अवसरों का नया रास्ता खोलेगा।
साथियों, मुझे बताया गया है कि इस मेले में लगभग 200 स्टाल लगाए गए हैं, जिनमें किसानों को नई तकनीकों की जानकारी दीजा रही है, कृषि से जुड़ी नई मशीनें वहां रखी गई हैं।
मुझे विश्वास है कि जो भी किसान यहां आएगा वो इस से लाभान्वित होगा और उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ, गुणवत्ता भी सुनिश्चित करने में भी किसानों को मदद मिलेगी।
साथियों, साल 2022 तक जब आजादी के 75 साल होंगे देश के किसान की आय दोगुनी हो, इसके लिए सरकार संकल्प बद्ध है।किसानों की आय बढ़ाने के लिए कम लागत, अधिक लाभ की नीति पर चलते हुए खेती में वैज्ञानिक तरीकों का अभूतपूर्व समावेश किया जा रहा है।
बीज से लेकर बाजार तक की एक मज़बूत व्यवस्था देश में तैयार की जा रही है।मिट्टी की सेहत से लेकर मंडियों में सुधार को लेकर अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।
देश भर में करीब 16 करोड़ से अधिक सॉयल हैल्थ कार्ड किसानों को दिए जा चुके हैं, जिसमें से करीब 3 करोड़ यहीं यूपी में बांटे गए हैं।इससे किसानों को ये तय करने में आसानी होती है कि कौनसी फसल उस मिट्टी के लिए उपयुक्त रहेगी और कौन सा फर्टिलाइजर, कितनी मात्रा में डालना जरूरी है।