अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ ले जानी है, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जानी है।
मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है।
क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है
योग अनुशासन है, समर्पण हैं, और इसका पालन पूरे जीवन भर करना होता है।
योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद से परे है।
योग सबका है और सब योग के हैं
आज हम ये कह सकते हैं कि भारत में योग के प्रति जागरूकता हर कोने तक, हर वर्ग तक पहुंची है।
Drawing rooms से Board Rooms तक, शहरों के Parks से लेकर Sports Complexes तक,
गली-कूचों से वेलनेस सेंटर्स तक आज चारों तरफ योग को अनुभव किया जा सकता है
Yoga is ancient and modern.
It is constant and evolving.
For centuries, the essence of Yoga has remained the same:
Healthy body, Stable mind, Spirit of oneness.
Yoga provides a perfect blend of ज्ञान or knowledge, कर्म or work and भक्ति or devotion