Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

Salient Points of PM Modi’s Address at IJC in New Delhi

  • न्याय की जिस chair पर आप सभी बैठते हैं, वो सामाजिक जीवन में भरोसे और विश्वास का महत्वपूर्ण स्थान है।
  • ये कॉन्फ्रेंस, 21वीं सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में हो रही है। ये दशक भारत सहित पूरी दुनिया में होने वाले बड़े बदलावों का दशक है। ये बदलाव सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी, हर मोर्च पर होंगे।
  • ये बदलाव तर्क संगत होने चाहिए और न्यायसंगत भी होने चाहिए, ये बदलाव सबके हित में होने चाहिए, भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए होने चाहिए, और इसलिए, Judiciary and The Changing World पर मंथन बहुत महत्वपूर्ण है।
  • साथियों, ये भारत के लिए बहुत सुखद अवसर भी है कि ये महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस, आज उस कालखंड में हो रही है, जब हमारा देश, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्मजयंति मना रहा है।
  • पूज्य बापू का जीवन सत्य और सेवा को समर्पित था, जो किसी भी न्यायतंत्र की नींव माने जाते हैं औऱ हमारे बापू खुद भी तो वकील थे, बैरिस्टर थे। अपने जीवन का जो पहला मुकदमा उन्होंने लड़ा, उसके बारे में गांधी जी ने बहुत विस्तार से अपनी आत्मकथा में लिखा है।
  • गांधी जी तब बंबई, आज के मुंबई में थे। संघर्ष के दिन थे। किसी तरह पहला मुकदमा मिला था लेकिन उन्हें कहा गया कि उस केस के ऐवज में उन्हें किसी को कमीशन देना होगा।
  • गांधी जी ने साफ कह दिया था कि केस मिले या न मिले, कमीशन नहीं दूंगा। सत्य के प्रति, अपने विचारों के प्रति गांधी जी के मन में इतनी स्पष्टता थी। और ये स्पष्टता आई कहां से? उनकी परवरिश, उनके संस्कार और भारतीय दर्शन के निरंतर अध्ययन से।