भारत की सांस्कृतिक दृष्टि और चेतना से समृद्ध नरेंद्र मोदी का नेतृत्व
आज इस वैश्वीकरण के युग में हम एक ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं, जहाँ हमें यह एहसास होता है कि दुनिया के सामने मौजूद बहुस्तरीय लक्ष्यों, संकटों और समाजों में बढ़ती ध्रुवीकरण की स्थिति से निपटने के लिए केवल सत्ता आधारित नेतृत्व मॉडल ही पर्याप्त नहीं हैं। आज के दौर में हमें ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो न केवल इतिहास से सीखे, बल्कि उसमें स्वीकार्यता की क्षमता, व्यवहारिकता, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और आध्यात्मिक परिपक्वता का समावेश हो। इन सभी गुणों से युक्त व्यक्तित्व को हम प्रबुद्ध नेतृत्व कह सकते हैं। हम सभी भाग्यशाली हैं की देश को 2014 में आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी के रूप में इन सभी गुणों से युक्त एक ऐसा नेता मिला जिसने तमाम प्रतिकूलताओं से घिरे वातावरण में भी आशा आकांक्षाओं का संचार इस देश में किया। श्री आर. बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित “Power Within: The Leadership Legacy of Narendra Modi” पुस्तक नरेंद्र मोदी के इस अनूठे नेतृत्व को बारीकी से समझने और परखने का एक अवसर प्रदान करती है। पूरी पुस्तक में संस्कृत श्लोकों एवं धर्म शास्त्रों के विचारों को बड़े सुन्दर ढंग से मोदी जी के जीवन प्रसंगों से जोड़ा गया है।
पुस्तक बताती है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को यदि हम अपने प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखते हैं तो हमें एक ऐसा मॉडल मिलता है जो इस जटिल, अस्थिर और अनिश्चित दुनिया के लिए एक समाधान प्रस्तुत करता दिखाई देता है। मोदी जी का नेतृत्व प्रतिक्रियात्मक नहीं है, बल्कि चिंतनशील भी है। उनका जीवन, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं में पुष्पित और पल्लवित हुआ है, यह दर्शाता है कि सच्चा नेतृत्व सिर्फ संकटों का प्रबंधन करना नहीं है, बल्कि समाज के साथ जुड़ना, उनकी आशा-आकांक्षाओं को समझना और भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण तैयार करना है।
दृष्टिकोण, सदैव एक बीज की तरह होता है जो अनुभवों से सींचे जाने पर ही पनपता है। नरेंद्र मोदी जी के शुरुआती जीवन की कहानी इसका जीवंत प्रमाण है। स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित एक युवा से लेकर एक ऐसे वैश्विक नेता तक का सफर एक विस्तृत यात्रा है जिसने भारत और विश्व के लिए एक स्पष्ट और आशावादी दृष्टिकोण रखा है। मोदी जी की जीवन यात्रा को समझने पर यह एक गहन उद्देश्य और सार्थकता की की खोज करना सा प्रतीत होता है। उनका जीवन यह परिभाषित करता है कि सच्चा नेतृत्व तब उभरता है जब कोई व्यक्ति चुनौतियों का सामना करता है, दृढ़ रहता है, और एक सामूहिक भलाई के लिए एक दृष्टिकोण पर दृढ़ता से कार्य करता है।
इस पुस्तक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह मोदी जी के नेतृत्व को भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं में निहित मानती है। मोदी जी के संचार कौशल को, चाहे वह भाषण हो या नीतिगत निर्णय, सभी में उनकी स्पष्टता और प्रभावी संवाद शैली को रेखांकित किया गया है। यह पुस्तक हमें यह भी दिखाती है कि मोदी जी के नेतृत्व में संचार का उद्देश्य केवल विचारों का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि लोगों के दिलों से जुड़ने का प्रयास होता है। मोदी का नेतृत्व सत्यनिष्ठा, करुणा और निर्भीकता का प्रतीक है—ये वे सिद्धांत हैं जो भारत की आध्यात्मिक और दार्शनिक धरोहर में अन्तर्निहित हैं।
राष्ट्र सेवा के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण प्राचीन भारतीय शिक्षा के अनुरूप ही है। मोदी जी का जीवन मंत्र, जो उनके गुरु श्री गोलवलकर “गुरूजी” से प्रेरित है की “यह जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित है; सब कुछ राष्ट्र को समर्पित है, कुछ भी मेरा नहीं है” और यही उनकी शासन पद्धति का मूलभूत आधार है।
लेखक श्री आर. बालासुब्रमण्यम ने इस पुस्तक में बताया है की मोदी का नेतृत्व केवल भौतिक सफलता पर नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता और कर्तव्य की भावना पर भी आधारित है। योग, ध्यान और भगवद गीता के शिक्षाओं के प्रति उनकी आस्था ने उनके शासन को आकार दिया है। वे एक कर्मयोगी के रूप में सेवा करते हैं, जो निस्वार्थ भाव से, ईमानदारी और करुणा के साथ कार्य करते हैं, और न केवल मानव समाज अपितु सभी जीवों का आपसी जुड़ाव को महत्व देते हैं। अभी हम सभी ने गौमाता की संतान दीपज्योति का आगमन और मोदी जी की हार्दिक प्रसन्नता को देखा।
मोदी जी के नेतृत्व के सबसे प्रमुख गुणों, जैसे करुणा, निडरता और सत्यनिष्ठा, पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह पुस्तक मोदी जी द्वारा किए गए तमाम प्रमुख कार्यों जैसे अनुच्छेद 370 को समाप्त करना और भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने की कहानी विस्तार से बताते हुए उसके सभी मील के पत्थरों से आपको जोडती है। मोदी जी का नेतृत्व केवल आर्थिक और तकनीकी प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक जड़ों के साथ-साथ आध्यात्मिकता को भी महत्व देता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नेतृत्व में धर्म (कर्तव्य) के सिद्धांत पर बल दिया है। उनकी सोच में संयम, सेवा और आत्म-नियंत्रण की प्रमुखता है, जो भारत की भावी दिशा का एक रोडमैप प्रस्तुत करती है। मोदी का नेतृत्व हमें सिखाता है कि प्राचीन ज्ञान और आधुनिक नवाचार का संयोजन विश्व की सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान कर सकता है। और इसलिए सम्पूर्ण विश्व मोदी जी को अपने नेता के रूप में स्वीकार करता है, दुनिया के 15 विशिष्ट देशों द्वारा उन्हें अपने सर्वोच्च अलंकरण से सम्मानित करना इस बात पर मुहर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व आधुनिक चुनौतियों का समाधान करते हुए भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए एक शांति और सुख का मार्ग प्रस्तुत करती है। ऐसे अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों और समय में, मोदी का नेतृत्व एक आशा की दैदीप्यमान सूर्य की तरह चमकता है, जो कोटि कोटि भारतीयों को और विश्व के अन्यान्य लोगों को एक बेहतर और अधिक सामंजस्यपूर्ण भविष्य के लिए प्रेरित करता है। यह पुस्तक मोदी जी के नेतृत्व की विरासत को समझने और उसे सहेजने करने का एक सार्थक प्रयास है।
Power Within: The Leadership Legacy of Narendra Modi
Author: Dr R Balasubramaniam. Penguin. Pages 376. Rs 581
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