Home » PM’s address at the inauguration of two future-ready Ayurveda institutions at Jamnagar and Jaipur
- आप सभी को धनतेरस, भगवान धनवंतरि की जयंति की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। धनवंतरि जी आरोग्य के देवता माने जाते हैं और आयुर्वेद की रचना भी उनके आशीर्वाद से हुई है।
- आज के इस पावन दिन, आयुर्वेद दिवस पर, भगवान धनवंतरि से पूरी मानव जाति की प्रार्थना है कि वो भारत समेत पूरी दुनिया को आरोग्य का आशीष दें।
- साथियों, इस बार का आयुर्वेद दिवस गुजरात और राजस्थान के लिए विशेष हैं, हमारे युवा साथियों के लिए भी विशेष है।
- आज गुजरात के जामनगर में Institute of Teaching and Research in Ayurveda को Institute of National Importance के रूप में मान्यता मिली है। इसी तरह जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को भी डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में आज लोकार्पित किया गया है।
- आयुर्वेद में उच्च शिक्षा, रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट से जुड़े इन बेहतरीन संस्थानों के लिए राजस्थान-गुजरात के साथ ही पूरे देश को बहुत-बहुत बधाई।
- साथियों, आयुर्वेद, भारत की एक विरासत है जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई है। ये देखकर किस भारतीय को खुशी नहीं होगी कि हमारा पारंपरिक ज्ञान, अब अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है।
- आज ब्राजील की राष्ट्रीय नीति में आयुर्वेद शामिल है। भारत-अमेरिका संबंध हों, भारत-जर्मनी रिश्ते हों, आयुष और भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से जुड़ा सहयोग निरंतर बढ़ रहा है।
- ये भी प्रत्येक भारतीय के लिए बहुत गर्व की बात है कि WHO ने और अभी WHO के मुखिया और मेरे मित्र उन्होंने एक बहुत महत्वपूर्ण घोषणा की है, WHO ने Global Centre for Traditional medicine इसकी स्थापना के लिए दुनिया में से भारत को चुना है और अब भारत में से दुनिया के लिए इस दिशा में काम होगा।
- भारत को ये बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के लिए मैं World Health Organization का, विशेष रूप से WHO के महानिदेशक मेरे मित्र डॉक्टर टैड्रोस का भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
- मुझे विश्वास है कि जिस प्रकार भारत Pharmacy of the world इस रूप में उभरा है, उसी प्रकार पारंपरिक चिकित्सा का ये Center भी Global Wellness का सेंटर बनेगा। ये सेंटर दुनिया भर की Traditional medicines के विकास और उनसे जुड़ी रिसर्च को नई बुलंदियां देने वाला साबित होगा।
- साथियों, बदलते हुए समय के साथ आज हर चीज Integrate हो रही है। स्वास्थ्य भी इससे अलग नहीं है।
- इसी सोच के साथ देश आज इलाज की अलग-अलग पद्धतियों के Integration, सभी को महत्व देने की तरफ एक के बाद एक कदम उठा रहा है।
- इसी सोच ने आयुष को, आयुर्वेद को देश की आरोग्य नीति- Health Policy का प्रमुख हिस्सा बनाया है।
- आज हम स्वास्थ्य के अपने पारपंरिक खज़ाने को सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि देश के आरोग्य का बड़ा आधार बना रहे हैं।
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