Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

बैंकिंग क्षेत्र के मजबूत बने रहने के आसार

कोरोना महामारी से पहले, दौरान और बाद में सरकार ने अर्थव्यवस्था और बैंकिंग तंत्र को मजबूत करने के लिए अनेकानेक योजनाओं और पहलों को मूर्त रूप दिया, जिसके कारण आज भारतीय बैंक और देश की अर्थव्यवस्था बेहद ही मजबूत स्थिति में हैं। अब राजग की सरकार दोबारा बनी है। इसलिए, उम्मीद है कि सरकार अपनी पुरानी नीतियों पर कायम रहेगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था और भारतीय बैंक और भी मजबूत होंगे।

सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज की गई और समग्र रूप से वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 8.2 प्रतिशत रही, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 7 प्रतिशत रही थी. जीडीपी में तेज वृद्धि मुख्य रूप से वित्त वर्ष 2023-24 में विनिर्माण क्षेत्र में 9.9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के कारण संभव हो पाई है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में माइनस 2.2 प्रतिशत के मुकाबले काफी अधिक है. इसी प्रकार खनन क्षेत्र में इस अवधि में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 1.9 प्रतिशत रही थी. उल्लेखनीय है कि विनिर्माण क्षेत्र देश के इंजीनियरिंग संस्थानों और कॉलेजों से निकलने वाले युवाओं को गुणवत्तापूर्ण रोजगार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

भारतीय अर्थव्यवस्था में निरंतर सुधार को दृष्टिगत करते हुए एसएंडपी ने 14 वर्षों बाद हाल ही में भारत की रेटिंग को आउटलुक स्थिर से पॉजिटिव कर दिया। एसएंडपी के अनुसार अगर सरकार पर बढ़े कर्ज के दबाव को कम करने और ब्याज के बोझ को घटाने के साथ ही आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया जाता है तो भारत की रेटिंग अगले 24 महीनों में और भी बेहतर की जा सकती है। इधर, आर्थिक गतिविधियों में आती तेजी को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी ताजा मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखा, ताकि विकास की गति में और भी तेजी लाई जा सके.

केंद्र सरकार ने मई, 2024 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से 1.73 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह अब तक का किसी भी महीने जुटाया गया चौथा और वित्त वर्ष 2024-25 का दूसरा उच्चतम जीएसटी संग्रह है। इससे पहले सरकार ने अप्रैल 2024 में जीएसटी से सबसे ज्यादा 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। सालाना आधार पर समग्र जीएसटी संग्रह में 10 प्रतिशत  की बढ़ोतरी हुई है। राजस्व संग्रह में तेजी आने से सरकार विकास को गति देने वाले कार्यों को अमलीजामा पहना सकती है।

अप्रैल 2024 में खुदरा महंगाई 4.83 प्रतिशत के स्तर पर रही, जो मार्च महीने में 4.85 रही थी। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने अच्छे मानसून के रहने की संभावना और आपूर्ति श्रृंखला को बाधित करने वाले कारकों में कमी आने के कारण वित्त वर्ष 2024-25 में औसत खुदरा महंगाई के 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. वित्त वर्ष 2023-24 में ओवरऑल महंगाई दर 1.3 प्रतिशत कम होकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है. आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव कम होने, कोर (गैर खाद्य-गैर ऊर्जा) मुद्रास्फीति में वृहद आधार पर नरमी आने और वित्त वर्ष 2024-25 में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना से मुद्रास्फीति के परिदृश्य के सकारात्मक रहने की संभावना है।

हाल के महीनों में भारतीय बैंकों का प्रदर्शन एशिया में अपने समकक्ष बैंकों की तुलना में सबसे अच्छा रहा है। देश के 3 बड़े बैंकों यथा भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने 2023 में दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों की सूची में अपनी जगह बनाई है, जबकि 2022 में देश के सिर्फ 2 बैंकों ने दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में अपनी जगह बनाई थी। एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय स्थिति में सुधार, मजबूत आर्थिक स्थिति, कर्ज में तेज वृद्धि, एनपीए में कमी और मुनाफे में इजाफे से भारतीय बैंक मजबूत हुए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार 2023 में बैंकों की संपत्ति 50.5 प्रतिशत बढ़कर 1.51 लाख करोड़ डॉलर हो गई है। जुलाई 2022 में एचडीएफसी बैंक की संपत्ति 51.3 प्रतिशत बढ़कर 466.35 अरब डॉलर हो गई। इससे बैंक शीर्ष 50 की सूची में 13 पायदान ऊपर 33वें स्थान पर पहुँच गया। एसएंडपी ग्लोबल के मुताबिक हाल के महीनों में भारतीय बैंकों द्वारा दिये जा रहे कर्ज में तेज वृद्धि हुई है। 29 दिसंबर 2023 तक यह 15.6 प्रतिशत के स्तर पर पहुँच गई थी, जो 1 साल पहले 14.9 प्रतिशत थी।

वित्त वर्ष 2023-24 में बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक ने 10,000 करोड़ से अधिक मुनाफा कमाया है। भारतीय स्टेट बैंक ने तो इस अवधि में 61,077 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है, जो सरकारी बैंकों की कुल कमाई के 40 प्रतिशत से अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में भारतीय स्टेट बैंक ने 50,232 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। 12 सरकारी बैंकों में से सिर्फ पंजाब एंड सिंध बैंक के मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई है। 31 मार्च 2024 को सरकारी बैंकों का संचयी लाभ 1.4 लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया, जोकि पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है।

वित्त वर्ष 2022-23 में सरकारी बैंकों ने 1,04,649 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। इस दौरान पंजाब नेशनल बैंक का शुद्ध मुनाफा 8,245 करोड़ रुपए रहा था, जो पिछले साल के मुक़ाबले 228 प्रतिशत अधिक है, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 13,649 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था, जो पिछले साल की तुलना में 62 प्रतिशत अधिक है। अन्य सरकारी बैंकों जैसे, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष से 61 प्रतिशत, बैंक ऑफ इंडिया ने 57 प्रतिशत, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 56 प्रतिशत और इंडियन बैंक ने 53 प्रतिशत अधिक मुनाफा कमाया। इसतरह, वित्त वर्ष 2018 में सरकारी बैंकों को 85,390 करोड़ रुपए का घाटा होने के बाद यह 2024 में रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज करने के सफर की कहानी है।

राजग सरकार वित्त वर्ष 2016-17 से वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सरकारी बैंकों के साथ हर कदम पर साथ खड़ी रही और 3,10,997 करोड़ रुपए का पुनर्पूंजीकरण भी सरकारी बैंकों का किया। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी मामले में इस दौरान समीचीन कदम उठाया। इन सम्मिलित प्रयासों से वित्त वर्ष 2023-24 में सभी बैंकों का शुद्ध फंसे कर्ज (एनपीए) घटकर 1.70 प्रतिशत के स्तर से नीचे आ गया।

राजग की फिर से सरकार बन चुकी है और वित्त मंत्रालय का कामकाज भी श्रीमती निर्मला सीतारमण के हाथों में है। इसलिए, सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की नीतियाँ और उठाये जाने वाले कदम आगामी समय में भी भारतीय बैंकों के अनुकूल रहेंगे। फिलवक्त, सरकारी बैंकों के शुद्ध लाभ में निरंतर इजाफा हो रहा है साथ ही साथ एनपीए में कमी आ रही है। इसके अलावा, दूसरे महत्वपूर्ण मानकों पर भी भारतीय बैंक उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं।

Author

  • सतीश सिंह

    (लेखक भारतीय स्टेट बैंक में सहायक महाप्रबंधक (ज्ञानार्जन एवं विकास) हैं। आर्थिक मामलों के जानकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)

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