Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation

गरीब कल्याण के 10 वर्ष

पिछले एक दशक के दौरान भारत का आर्थिक सफर एक दमदार एवं उल्‍लेखनीय प्रगति से भरा रहा है। विकास की रफ़्तार तेज करने, वैश्विक चुनौतियों से निपटने और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने से साफ तौर पर पता चलता है कि देश उत्साह, नवाचार एवं महत्वाकांक्षा की भावना से ओतप्रोत है। मगर इस विकास को वास्तव में टिकाऊ बनाने, समावेशी बनाने और समृद्धि एवं हाशिए के बीच की खाई को ख़त्म करने की जरूरत है।

बाजार की ताकतें अक्सर वंचितों के सामने आने वाली चुनौतियों का अपने दम पर समाधान करने में विफल रहती हैं। व्‍यवस्‍था संबंधी बाधाएं, संसाधनों तक सीमित पहुंच और ऐतिहासिक असमानताएं व्यक्तियों एवं समुदायों को गरीबी व उपेक्षा के चक्र में फंसा सकती हैं। इससे निपटने के लिए अच्छी तरह से डिजाइन की गई नीतियों और योजनाओं की परिवर्तनकारी शक्ति की जरूरत दिखती है। यह खाई को पाटने के लिए एक पुल के रूप में कार्य करती है, सभी के लिए समान अवसर प्रदान करती है और हर किसी को न केवल जीवित रहने, बल्कि आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाती है।

व्‍यवस्‍था संबंधी इन्‍हीं बाधाओं को दूर करने के लिए भारत सरकार ने पिछले दस वर्षों में विभिन्न नीतियों और योजनाओं को लागू किया है। इन कार्यक्रमों ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों को लक्षित करते हुए उन्हें गरीबी के चक्र से मुक्त होने और देश के विकास में सक्रिय योगदान करने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।

पिछले 10 वर्षों के दौरान गरीबों के जीवन एवं आजीविका में सुधार के लिए समर्पित और निरंतर प्रयास किए गए हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर महीने 80 करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त अन्न मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी) के तहत 4 करोड़ से अधिक पक्के मकान बनाए गए हैं। सौभाग्य योजना के तहत 2.8 करोड़ घरों तक बिजली पहुंचाई गई है। सरकार द्वारा वित्‍त पोषित दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम आयुष्मान भारत – पीएम जन आरोग्य योजना के तहत द्वितीयक एवं तृतीयक देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये के बीमा कवर के साथ 55 करोड़ लाभार्थियों को लक्षित किया गया है। जल जीवन मिशन के तहत 14.50 करोड़ ग्रामीण परिवारों को (14 मार्च, 2024 तक) नल जल कनेक्शन प्रदान किया गया। पीएम उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन की बदौलत 10 करोड़ से अधिक महिलाएं अब आसानी से सांस ले रही हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगभग 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं, जिससे लाखों लोगों के जीवन में गरिमा एवं स्वच्छता आई है। लगभग 52 करोड़ जन धन खातों ने वित्तीय समावेशन के द्वार खोले और लोगों को औपचारिक प्रणाली में शामिल किया है।

पीएम स्वनिधि योजना (14 मार्च, 2024 तक) के तहत 62 लाख से अधिक शहरी रेहड़ी-पटरी वालों को करीब 11,000 करोड़ रुपये का बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान किया गया है। दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत 13 मार्च, 2024 तक 10.04 करोड़ महिलाओं को 90.76 लाख स्वयं सहायता समूहों में शामिल किया गया है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले 9 वर्षों के दौरान करीब 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकल गए हैं जो विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता का प्रमाण है। इसके अलावा लाखों लोग स्वास्थ्य सेवाओं, कौशल विकास कार्यक्रमों और सस्‍ते आवास कार्यक्रमों तक पहुंच से लाभान्वित हुए हैं।

परिणामस्वरूप, भारत बहुआयामी गरीबी को आधा करने के अपने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को 2030 से पहले हासिल कर सकता है। सबसे कमजोर एवं वंचित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता एवं समर्पण ने इस उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हालांकि समावेशी विकास की दिशा में सफर अभी जारी है। मगर इसमें मौजूद जटिलताओं को पहचानते हुए सरकार अपने प्रयासों का लगातार मूल्यांकन एवं समीक्षा करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समावेशी विकास लक्षित लाभार्थियों तक कुशलतापूर्वक एवं प्रभावी तौर पर पहुंच सके।

भारत में स्वास्थ्य सेवा, खासकर वंचितों के लिए पहुंच और सामर्थ्य लंबे समय से गंभीर चुनौतियां रही हैं। मगर भारत ने अपने नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को किफायती एवं सुलभ बनाने के लिए एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की है। इस यात्रा को स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे की मजबूती, वित्तीय बोझ में कमी और घर के आसपास गुणवत्तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवा की उपलब्‍धता पर केंद्रित विभिन्‍न प्रभावशाली कार्यक्रमों से गति मिल रही है।

पिछले एक दशक के दौरान सामाजिक सुरक्षा के प्रति भारत के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय बदलाव आया है, जो अल्पकालिक उपायों के बजाय दीर्घकालिक सशक्तिकरण एवं दूरदर्शी टिकाऊ प्रभाव पर केंद्रित हो गया है। इस बदलाव के कारण अधिक क्षमतावान कल्याणकारी व्‍यवस्‍था तैयार हुई है और इसने देश भर में मानव विकास के लिए एक ठोस आधार तैयार किया है।

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) जैसे कार्यक्रम ने लोगों को मुफ्त अनाज प्रदान करते हुए देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है। इसी प्रकार पीएम उज्ज्वला योजना मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करती है, आयुष्मान भारत योजना सार्वभौम स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है, जल जीवन मिशन के तहत लोगों के घर तक नल के जरिये पेयजल की उपलब्‍धता सुनिश्चित की गई है और पीएम-आवास योजना किफायती मकानों की गारंटी देती है। इन सब योजनाओं से बदलाव को रफ्तार मिली है। ये कार्यक्रम लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के बजाय भविष्य के लिए सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हैं और लोगों को अपनी योग्यता के आधार पर आगे बढ़ने के लिए सही उपकरणों से लैस करते हैं।

(लेखक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शिक्षक हैं. प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं)

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