Home » वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोज़गार अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन
- साथियों, नमस्कार, आप सभी से बात करने का मौका मिला। हम सभी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। हमारे सामाजिक जीवन में भी, गांव में, शहर में, अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती ही रहती हैं। आप देखिए कल बिजली गिर गयी। बिहार में, उत्तर प्रदेश में कितने लोगों की जान चली गई। लेकिन ये किसी ने नहीं सोचा था कि पूरी दुनिया पर, पूरी मानव जाति पर एक साथ एक ही तरह का इतना बड़ा संकट आएगा। एक ऐसा संकट जिसमें चाहकर भी लोग दूसरों की पूरी तरह मदद नहीं कर पा रहे थे। इस दौरान शायद ही कोई होगा जिसे परेशानी नहीं हुई हो।
- बच्चे हो-बुजुर्ग हो, महिलाएं हो-पुरुष हो, देश हो या दुनिया, हर किसी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। आगे भी हमें नहीं पता कि इस बीमारी से कब मुक्ति मिलेगी। हां, इसकी एक दवाई हमें पता है। ये दवाई है दो गज की दूरी। ये दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती,टीका नहीं बनता है। हम इसी दवा से इसे रोक पाएंगे।
- साथियों, आज जब आप सभी मुझसे बात कर रहे थे, आपके चेहरे की खुशीहै, आपकी आंखों का भाव, आपका अपनापन, हम सभी देख रहे थे। यहां इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के यशस्वी ऊर्जावान मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी मौजूद हैं, सरकार के मंत्रीगण हैं, प्रशासन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी हैं, और यूपी के अलग-अलग जिलों से जुड़े हमारे तमाम साथी भी हैं।
- श्रम की जो ताकत होती है, वो हम सभी ने महसूस की है। श्रम की इसी शक्ति का आधार बना भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान। आज इसी शक्ति ने ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’को प्रेरणा दी है। यानि केंद्र सरकार की योजना को योगी जी की सरकार ने Qualitative और Quantitative, दोनों ही तरीके से विस्तार दे दिया है।
- यूपी सरकार ने न सिर्फ इसमें अनेक नई योजनाएं जोड़ी हैं, लाभार्थियों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ भी पूरी तरह जोड़ दिया है। आपने सुना है मैं जिस डबल इंजन की बात हमेशा करता हूं, ये प्रयास, ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’, इसका बहुत उत्तम उदाहरण है। और मुझे पूरा विश्वास है कि योगी जी के नेतृत्व में, जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया है, जिस तरह योगी जी और उनकी टीम जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा,हर कोई वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे।
- मुझे उम्मीद है कि अन्य राज्य भी अपने यहां ऐसी योजनाएं लेकर आएंगे। और मैं तो यूपी का सांसद हूं। जब उत्तर प्रदेश में इस तरह सेअच्छे काम होते हैं। तो मुझे ज़रा ज्यादा आनंद आता है। क्यूंकि वहां के लोगों की मेरी भी ज़िम्मेदारी है।
- साथियों, संकट के समय जो साहस दिखाता है, सूझबूझ दिखाता है, सफलता उसी को मिलती है। आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, मैं सच कहता हूं वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है।
- इसके लिए मैं उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ नागरिकों की सराहना करता हूं, उन्हें नमन करता हूं।आपने जो काम किया है, वो पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उत्तर प्रदेश के आंकड़ों में दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स को चकित कर देने की अदभुत क्षमता है। चाहे यूपी के डॉक्टर हों, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो, बैंक और पोस्टऑफिस के साथी हों, परिवहन विभाग के साथी हों,श्रमिक साथी हों, हर किसी ने पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है।
- योगी जी और उनकी पूरी टीम, चाहे जनप्रतिनिधि हों या फिर कर्मचारी हों, आप सभी ने बहुत उत्तम काम किया है, सराहनीय काम किया है। आप सभी ने मिलकर यूपी को जिस मुश्किल स्थिति में संभाला है, आने वाले अनेक वर्षों तक उत्तर प्रदेश का हर बच्चा, हर परिवार इसको बड़े गर्व के साथ याद करेगा, वो लंबे समय तक याद किया जाएगा।
- साथियों, उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है। इस उपलब्धि को यूपी के लोग खुद महसूस कर रहे हैं, लेकिन आप अगर आंकड़े जानेंगे तो और भी हैरान हो जायेंगे !
- साथियों, हम यूरोप के चार बड़े देशों को देखें तो वो हैं-इंग्लैंड,फ्रांस,इटलीऔर स्पेन! ये देश 200-250 सालतक दुनिया की सुपरपावर हुआ करते थे,आज भी दुनिया में इनका दबदबा है! आज अगर इन चारों देशों की कुल जनसँख्या को जोड़ दें,तो ये करीब 24 करोड़ होती है! हमारे तो अकेले यूपी की ही जनसँख्या 24 करोड़ है! यानि कि, जितने लोग इंग्लैंड, फ्रांस, इटली और स्पेन इन चार देशों में रहते हैं,उतने लोग उत्तर प्रदेश में रहते हैं! लेकिन कोरोना में इन चार देशों में मिलाकर 1 लाख 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है,जबकि यूपी में केवल 600 लोगों की जान गई है! कहां 1 लाख 30 हजार लोगों की मृत्यु और कहां 600 लोगों की मृत्यु। मैं मानता हूं, एक भी व्यक्ति की मृत्यु दुखद है।
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